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चाईबासा : उपायुक्त ने की रोरो मांइस प्रभावित क्षेत्र में भूमि सुधार सहित अन्य आधारभूत एवं मूलभूत व्यवस्था उपलब्ध करवाने को लेकर बैठक

चाईबासा पश्चिमी सिंहभूम जिला उपायुक्त अरवा राजकमल के अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभागार में रोरो मांइस प्रभावित क्षेत्र में रह रहे वासियों हेतु प्रमुख बिंदु के रूप में पीएफ भुगतान, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, डंपिंग एरिया में भूमि सुधार सहित राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण से प्राप्त आदेश तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा झारखंड राज्य के मुख्य सचिव से प्राप्त निर्देश के तहत आधारभूत एवं मूलभूत संरचना उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से बैठक का आयोजन किया गया.

बैठक के उपरांत जानकारी देते हुए उपायुक्त के द्वारा बताया कि रोरो क्षेत्र में जो एस्बेस्टस माइंस का कार्य चला था, उसके कारण प्रदूषण की स्थिति वहां है. उसे दूर करते हुए पूरे क्षेत्र को विकसित करने के साथ-साथ जिस क्षेत्र में खनन का कार्य किया गया था एवं जहां एस्बेस्टस को डंप किया गया है. उसे सुधार करने हेतु राष्ट्रीय हरित प्राधिकार के आदेशानुसार राज्य में मुख्य सचिव के अध्यक्षता में तथा प्रमंडल में प्रमंडलीय आयुक्त के अध्यक्षता में तथा योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए जिला उपायुक्त के अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है. उन्होंने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य सचिव से प्राप्त निर्देश के आलोक में आज के बैठक में समीक्षा की गई है तथा उस क्षेत्र में अलग-अलग चरणों में विकास कार्यों को संचालित किया जाएगा.

उपायुक्त अरवा राज कमल के द्वारा बताया गया कि इस क्षेत्र से 347 आवेदन पीएफ भुगतान से संबंधित प्राप्त हुआ है तथा ऐसे सभी व्यक्तियों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से प्रोविडेंट फंड के निदेशक से संपर्क करते हुए आगामी बुधवार को एनजीटी से प्राप्त आदेश के आलोक में एक शिविर का आयोजन किया जाएगा. क्योंकि आवेदक के द्वारा जिस प्रारूप में आवेदन दिया गया है, उसे प्रोविडेंट फंड कार्यालय के द्वारा अस्वीकृत करते हुए नया प्रारूप उपलब्ध करवाया गया है. शिविर के माध्यम से, वर्तमान समय में कोरोना वायरस संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए क्षेत्र के चार गांव में अलग-अलग तिथि को आवेदकों के द्वारा नए प्रारूप में पुनः आवेदन प्राप्त किया जाएगा. उपायुक्त अरवा राज कमल ने बताया कि इसी प्रकार क्षेत्र के व्यक्ति जो एसबेस्टोसिस से संक्रमित हुए हैं उन सभी के लिए आयुष्मान भारत का कार्ड बनाने का कार्य जिला प्रशासन के द्वारा किया जाएगा तथा वैसे व्यक्ति जिनका नाम राशन कार्ड में दर्ज नहीं है, को राशन कार्ड उपलब्ध करवाते हुए आयुष्मान कार्ड उपलब्ध करवाया जाएगा. क्षेत्र को पूर्ण रूप से विकसित करने के लिए या वैसे क्षेत्र जहां हरियाली बिल्कुल समाप्त हो चुकी है, वहां हरियाली वापस लाने के लिए नेशनल एनवायरमेंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट (NERI) के अभियंताओं से भी संपर्क करते हुए प्राक्कलन तैयार किया गया है तथा पूरे क्षेत्र के लिए भी एक डीपीआर तैयार किया जाएगा.

उपायुक्त ने बताया कि उपर्युक्त बिंदुओं का मूल्यांकन करते हुए प्रदूषण फैलाने वाले संस्था से मुआवजा वसूला जाएगा तथा राष्ट्रीय हरित प्राधिकार के माध्यम से संबंधित प्रदूषण फैलाने वाले संस्था के समक्ष क्लेम को रखा जाएगा. उस क्षेत्र में जितना पर्यावरण का नुकसान हुआ है तथा क्षेत्र में पुनः हरियाली वापस लाने में जो संबंधित खर्च आएगा के साथ-साथ डीपीआर बनाने हेतु निविदा निकालने से संबंधित बिंदुओं पर भी चर्चा किया गया है. उन्होंने बताया कि उस क्षेत्र में विशेषकर पांच कार्य यथा पेयजल आपूर्ति, पीसीसी सड़क, वायर फेंसिंग, डिस्प्ले बोर्ड स्थापित करने के कार्य को यथाशीघ्र प्रारंभ करने के लिए माइनर इरिगेशन के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया गया है एवं यह कार्य आगामी बुधवार से प्रारंभ होगा.

उक्त बैठक में सारंडा वन प्रमंडल पदाधिकारी रजनीश कुमार, चाईबासा वन प्रमंडल पदाधिकारी सत्यम कुमार, जिले के उप विकास आयुक्त संदीप बक्शी, जिला भू अर्जन पदाधिकारी एजाज अनवर, कोल्हान अधीक्षक गिरिजा नंदन किस्कु, जिला खनन पदाधिकारी संजीव कुमार सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी एवं कार्यपालक अभियंता उपस्थित रहे. (संतोष वर्मा की रिपोर्ट).

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