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चाईबासा : विश्व एड्स दिवस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा नर्सिंग कौशल कॉलेज में जागरूकता शिविर आयोजित

चाईबासा में शुक्रवार को झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा के तत्वावधान में सदर अस्पताल स्थित नर्सिंग कौशल कॉलेज की प्रशिक्षु नर्सो के बीच एक विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन विश्व एड्स दिवस के अवसर पर किया गया. उक्त कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में एलएडीसी के उप प्रमुख सुरेंद्र प्रसाद दास और डालसा चाईबासा के सदस्य विकास दोदराजका उपस्थित थे.

वहीं सुरेंद्र प्रसाद दास ने अपने संबोधन में प्रशिक्षु नर्सो को जागरुक करते हुए विश्व एड्स दिवस (1 दिसंबर) को मनाये जाने के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा की इसका उद्देश्य एचआईवी एवं एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करना है, ताकि वह इस खतरनाक बीमारी के संक्रमण से बचा जा सके.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में लोग एड्स की बीमारी से ग्रसित हैं, एड्स सोसाइटी ऑफ इंडिया के मुताबिक भारत में एड्स के कुल मरीजों की संख्या मिलियन में है, एड्स के मरीजों की संख्या चिंता का विषय है, विश्व स्तर पर लोगों को एड्स के संक्रमण और बीमारी के बारे में जागरूक करने के लिए 1 दिसंबर को यह दिन मनाया जाता है. विश्व एड्स दिवस का इतिहास के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 1988 में राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व एड्स दिवस मनाने की घोषणा की थी.

इस मौके पर दोदराजका ने अपने संबोधन में बताया कि जागरूकता ही बदलाव लाती है. विश्व एड्स दिवस 2023 की थीम “लेट कम्यूनिटीज लीड (Let Communities Lead) है.” AIDS की रोकथाम में समाज की अहम भूमिका के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए, इस थीम को चुना गया है, साथ ही अब तक एड्स के बचाव में समाज ने जो महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं, उनकी सराहना करने के लिए भी इस थीम को चुना गया है. समाज में बदनामी की नजरों से देखे जाने की वजह से, लोग खुलकर इस बीमारी के बारे में बात नहीं करते और इससे बचाव नहीं हो पाता है. इस स्थिति को बदलने के लिए लेट कम्यूनिटटीज लीड का थीम चुना गया है.

इस दौरान पीएलवी मो शमीम ने एड्स के लक्षण बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जब यह वायरस किसी के शरीर में प्रवेश करता है, उसके कुछ ही समय बाद कुछ संकेत देखने को मिलते हैं. शुरुआत में तेज बुखार, शरीर में पसीना आना, थकान, उल्टी, दस्त, शरीर में खुजली जैसे आदि लक्षण संक्रमित व्यक्ति में देखने को मिलता है. समय रहते अगर इसका इलाज ना करवाए जाए तो यह गंभीर रूप ले लेती है, जिससे लोग जान भी गंवा सकते हैं. मंच का संचालन पीएलवी संजय कुमार निषाद ने किया. वहीं इस मौके पर पीएलवी ननकू मुंडा ने भी अपने विचार विचार रखे. इस दौरान कॉलेज की प्राचार्या सहित अन्य शिक्षक भी उपस्थित थी. उपरोक्त जानकारी प्राधिकार के सचिव राजीव कुमार सिंह ने दी. (संतोष वर्मा की रिपोर्ट).

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