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नालंदा : इलाज के अभाव में युवती ने तोड़ा दम, सदर अस्पताल ने नही दिया स्ट्रेचर, बूढ़े बाप ने गोद में उठायी बेटी की लाश

नालंदा में सोमवार को एकबार फिर बिहारशरीफ सदर अस्पताल प्रशासन की अमानवीय हरकत सामने आई है. जहां डायरिया से पीड़ित एक 15 वर्षीय युवती की मौत के बाद, स्ट्रेचर नहीं मिलने पर पिता बेटी की लाश को गोद में उठाकर बाहर लाएं. परिवार ने ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया. हालत बिगड़ने पर डॉक्टर ने रेफर का खेल खेला। सरकारी एंबुलेंस उपलब्ध कराने में भी टालमटोल की गई. निजी एंबुलेंस को भुगतान करने के लिए पिता के पास रुपए नहीं थे. मीडिया कर्मियों के पहुंचने पर अस्पताल प्रबंधक ने आनन-फानन में एंबुलेंस उपलब्ध कराया. इसके बाद परिवार बेटी की लाश ले गया.

बताया जाता है कि सोहसराय थाना क्षेत्र के आशा नगर निवासी अशोक पासवान की 15 वर्षीया पुत्री डायरिया से पीड़ित थी. परिवार उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया. ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने किशोरी का इलाज किया. घंटे भर बाद सुधरने के बजाय बच्ची की हालत बिगड़ गई. इसके बाद चिकित्सक ने हायर सेंटर रेफर कर दिया. जिसके कुछ देर बाद किशोरी की मौत हो गई. वहीं बेटी की मौत के बाद पिता इमरजेंसी वार्ड में आंसू बहाते हुए सदर अस्पताल की व्यवस्था को कोस रहे थे. पिता ने डॉक्टर पर इलाज में घोर लापरवाही का आरोप लगाया. कहा कि डॉक्टर को डायरिया रोग के इलाज का नॉलेज नहीं था. स्लाइन और इंजेक्शन लगाने के बाद बच्ची की हालत बिगड़ गई तो रेफर कर पल्ला झाड़ लिया. शव उठाने के लिए स्ट्रेचर नहीं मिला. सरकारी एंबुलेंस भी नहीं दिया जा रहा था. निजी एंबुलेंस चालक मोटी रकम मांग रहा था.

वहीं सदर अस्पताल के डीएस डॉ सुजीत कुमार अकेला ने बताया कि स्ट्रेचर मैन की कमी है. इसके लिए वरीय अधिकारियों को लिखा जाएगा. किशोरी की मौत में लापरवाही नहीं हुई. बेहतर इलाज किया गया. अस्पताल की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा. ड्यूटी पर तैनात डॉ महेंद्र कुमार ने बताया कि बच्ची की हालत खराब थी. उसे रेफर किया गया था. परिजन मरीज को ले जाने में टाल मटोल कर रहे थे, जिससे उसकी मौत हुई. (प्रणय राज की रिपोर्ट).

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