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कैमूर : उत्सवी माहौल में मनाया गया जिले का 32वां स्थापना दिवस 

कैमूर में गुरुवार को जिले का 32 वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस अवसर पर डीएम नवदीप शुक्ला और आरक्षी अधीक्षक ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन किया.

बता दें कि उतर प्रदेश के सीमावर्ती ज़िले को जोड़ने वाला मध्य बिहार के महत्वपूर्ण जिलों में एक जिला कैमूर जो 17 मार्च 1991 को रोहतास जिले से अलग होकर एक स्वतंत्र जिले के रूप में अस्तित्व में आया और 19 अगस्त 1991 से यह विधिवत स्वतंत्र जिले के रूप मे कार्यरत हो गया आज यह जिला पूरे 32 वर्ष का हो गया. इस अवसर पर  भभुआ स्थित लिक्ष्वी भवन में शानदार कार्यक्रम का आयोजन ज़िला प्रशसन की ओर से आयोजित किया गया. नन्ही गायिका तनु यादव के स्वागत गान से कार्यक्रम की शुरुआत की गई. कोकिला कैमूर के नाम से प्रसिद्ध लोक गायिका अनुराधा रस्तोगी ने कैमूर का का महिमा सुनाई अपनी गायकी अंदाज़ में कैमूर की धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर के बारे में लोगो के सामने प्रस्तुत किया.

पूरे कार्यक्रम का संचालन कर रहे अपर समाहर्ता अमरेंद्र कुमार अमर ने अपने संबोधन में कैमूर के ऐतिहासिक धार्मिक सांस्कृतिक और भौगोलिक महत्वता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कहाआज का दिन अर्थात 17 मार्च काफी महतवर्ण है, हिन्दू तिथि के अनुसार कल से नया वर्ष की शुरुआत भी हो जाएगी। साथ ही मुस्लिम धर्मावलंबियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है होली के साथ शबे बरात का पर्व भी मनाया जाएगा. उन्होंने इस अवसर ज़िलवासियो से अपील किया कि होली और शबे बरात का पर्व शान्तिपूर्वक मनाएं. उन्होंने यह भी कहा कि 1991 में जिला रोहतास से सृजन हो कर अलग से कैमूर के रूप में गठित हुआ. जनसाधारण की अपेक्षा पर यह जिला खरा उतर रहा है.

वहीं डीएम नवदीप शुक्ला ने कैमूर वासियो को स्थापना दिवस के इस अवसर बधाई देते हुए कहा कि ज़रा आप आंकलन कीजिए आज से 32 -35 वर्ष पूर्व किस स्थिति में थे और आज किस स्थिति में है. उस समय सुविधाओं का घोर अभाव था,और आज यह सुविधा आप को आसनी से मिल रही है. हम सभी भाग्यशाली है, विद्या के मामले हो या कला का मामला हो या किसी भी क्षेत्र का मामला हो, अब हर चीज़ इंटरनेट के माध्यम से आसनी से उपलब्ध हो जा रही है. जो लोग एक दूसरे से पूछते थे वे आज इंटरनेट के माध्यम से सिख रहे है. उन्होंने कोकिला कैमूर के नाम से चर्चित लोक गायिका अनुराधा कृष्ण रस्तीगी को संगीत के क्षेत्र में दिए योगदान को बताया. उन्होंने कहा कि यह समय अब करने का है, युवाओ को आवश्यकता है कि जो जिस क्षेत्र में महारत हासिल रखता है वो अपनी कला का प्रदर्शन करे चाहे व शिक्षा का क्षेत्र हो या खेल का या गीत संगीत का. डीएम नवदीप शुक्ल ने लोगो से अपील करते हुए कहा कि हर विद्या में आगे आने वाले लोग को सम्मानित कर उन्हें उनका उत्साह बढ़ाए. ज़िला की अपनी पहचान बनाने में लोग आगे आए इसलिए सबका नैतिक दायित्व बताते हुए कहा कि लोग जहां भी रहे अपने ज़िला का नाम गौरान्वित करे.

स्थापना दिवस के अवसर पर खेल संगीत और शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाले लोगों को सम्मानित भी किया गया. (विशाल कुमार की रिपोर्ट).

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