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सीवान : पूर्व जदयू जिलाध्यक्ष ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को बताया वाजिब हक

अभिषेक श्रीवास्तव

सीवान जनता दल यूनाइटेड के पूर्व जिलाध्यक्ष मुर्तुजा अली कैसर ने मंगलवार को बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की. मुर्तुजा अली कैसर ने इ टीवी बिहार डॉट इन से बातचीत करते हुए कहा कि विशेष राज्य के लिए जिन चीजों की आवश्यकता होती है बिहार उनमे खरा उतरता है. लिहाजा, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना इसका वाजिव हक है.

उन्होंने कहा कि प्राचीन भारत के इतिहास में बिहार साहित्यिक, सांस्कृतिक, कला एवं विज्ञान का केंद्र रहा है. इसकी ख्याति दूर देशों तक फैली थी. अंग्रेजो के आगमन के बाद बिहार सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक स्थितियों में एक बदलाव देखा जाता है. जो बिहार के हास का सूचक है. यह लगभग 200 वर्षों तक चलता रहा. आजादी के बाद बिहार की स्थितियों में परिवर्तन आया परन्तु यह परिवर्तन अपेक्षा के अनुरूप नहीं था. बिहार में सबसे बड़ा परिवर्तन नवम्बर 2005 के बाद आया जो आज भी जारी है, और विकास का द्योतक है. वर्ष 2005 में जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हुए तब उन्होंने बिहार वासियों के मन में, अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने की बात जगाई. तब बिहार को “विशेष दर्जे” की मांग भी उठने लगी.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्कालीन प्रधानमंत्री को विशेष दर्जा के लिए सबसे पहले पत्र लिखकर अपनी मांग रखी. उसके बाद बिहार में विशेष राज के दर्जा के सवाल पर नीतीश कुमार ने जनता दल (यू) के तत्वावधान में पटना के गाँधी मैदान एवं दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल रैली कर भारत सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग रखी गई.

मुर्तुजा अली कैसर ने कहा कि हम हर हाल में इसे लेकर रहेंगे. उन्होंने बताया कि विशेष दर्जे की मांग पूर्ण होने से विकास दर में वृद्धि होगी. 90% केन्द्रांश एवं 10% मात्र राज्य को राजांश वहन करना पड़ेगा. करो में भारी छुट होगी. हमारे राज्य में बड़ी-बड़ी कंपनियाँ अपनी पूंजी निवेश कर उद्योग लगाना शुरू कर देंगी. हमारे लाखों नौजवानों को रोजगार उपलब्ध होंगें. अल्प समय में बिहार विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा हो जायेगा. साथ ही शोषित, वंचित समाज एवं समाज के अंतिम कतार में खड़े लोगों का तेजी से विकास होगा और राज्य में समावेशी विकास की गंगा बहेगी.

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