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छपरा : चमकी बुखार से बचाव के लिए चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान

छपरा जिले में एईएस व जेई से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. विभाग के द्वारा सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर बैनर-पोस्टर लगाए गए हैं. वहीं, आशा कार्यकर्ता भी अपने-अपने पोषक क्षेत्र में चमकी बुखार व जेई से बचाव के प्रति लोगो को जागरूक कर रही हैं. सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडये भी अपने फेसबुक व ट्वीटर के माध्यम से लगातार पोस्टर शेयर कर आमजनों को जागरूक कर रहें है.

इस संबंध में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि लोगों को बताया जा रहा है कि वह बच्चों को रात में भूखे पेट नहीं सुलाएं. तेज धूप में बच्चों को नहीं जाने दें. जगह-जगह पोस्टर के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. किसी तरह की कोई परेशानी होने पर तुरंत स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाएं, जहां बच्चे की समुचित इलाज की व्यवस्था की गई है. स्वास्थ्य विभाग एईएस और चमकी बुखर की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है. सदर अस्पताल समेत सभी पीएचसी में इसके लिए अलग से वार्ड बनाए गए हैं. इलाज के लिए उपकरण और दवा भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है.

आशा व सेविका को दिया गया है एईएस कीट :

डीएमओ डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि जिले के सभी आशा कार्यकर्ता व आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्वास्थ्य विभाग की ओर से एईएस किट दी गयी है. जिसमें पैरासिटामोटल टैबलेट, ओआरएस का पैकेट व प्रचार सामग्री है. ताकि किसी बच्चे की सेहत खराब होने और उनमें चमकी बुखार के लक्षण दिखे तो बताये गये डोज के हिसाब से आशा कार्यकर्ता दवा दे सके और तुरंत उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराना भी सुनिश्चित करा सके.

चमकी से बचाव के लिए तीन धमकियां याद रखें :

डीएमओ डॉ दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि गंभीर बीमारी चमकी से पीड़ित बच्चों को समय पर इलाज किया जाये तो वह पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष ‘चमकी को धमकी’ नामक थीम रखी गयी है. इसमें तीन धमकियों को याद रखने की जरूरत है, जिसमें पहली यह है कि बच्चों को रात में सोने से पहले खाना जरूर खिलायें. इसके बाद सुबह उठते ही बच्चों को भी जगायें और देखें कि बच्चा कहीं बेहोश या उसे चमकी तो नहीं हुई है. अंत में बेहोशी या चमकी दिखते ही तुरंत एंबुलेंस या नजदीकी गाड़ी से अस्पताल ले जायें. चमकी बुखार से पीड़त बच्चों को अस्पताल पहुंचाने के लिए मुफ्त में एंबुलेंस सेवा दी जाती है. इसके लिए पीड़ित के परिवार वाले 102 नंबर पर डायल कर एंबुलेंस बुला सकते हैं.

इन बातों का रखें ध्यान :

• अपने-अपने बच्चों को रात में बिना खाना खिलाएं नहीं सोने दें.
• अगर कोई बच्चा शाम के समय में खाना खाया है और सो गया है तो उसे भी रात में जगाकर अवश्य खाना खिलाएं.
• बच्चों को रात में सोते समय अनिवार्य रूप से मीठा सामग्री यथा-गुड़, चीनी आदि खिलाएं.
• चमकी बुखार अधिकांशतः रात के 02 बजे से 04 बजे के बीच आक्रामक रूप लेता है.
• अगर चमकी के साथ तेज बुखार हो तो तुरंत क्षेत्र के एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को सूचित करें.
• नजदीकी पीएचसी में ले जाकर समुचित उपचार कराएं. (सेंट्रल डेस्क).

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