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नालंदा : सात फेरे के बाद दुल्हन ने ससुराल जाने से किया इंकार, दूल्हे को बताया दिव्यांग

नालंदा में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां शादी की सारी रस्में खत्म होने के बाद दुल्हन ने दूल्हे के साथ ससुराल जाने से मना कर दिया. जिसके बाद दुल्हन को अपने साथ ले जाने के लिए दूल्हा थाने में गुहार लगाने पहुंचा. मामला नूरसराय थाना क्षेत्र के रतनपुरा गांव का है. जहां 08 जुलाई को हरनौत थाना क्षेत्र के उखड़ा गांव से सकलदीप मांझी के बेटे मुकेश कुमार की बारात आई थी.

दरअसल ये पूरा मामला दूल्हे की दिव्यांगता को लेकर हुआ. नूरसराय के रतनपुरा गांव निवासी मनोज मांझी की पुत्री शोषम कुमारी की शादी मुकेश कुमार के साथ बीते 8 जुलाई को हुई थी. लड़की का कहना है कि फेरे लेने के बक्त लड़का भटक कर चल रहा था. जिसके कारण वह उसके साथ रहना नहीं चाहती है. दुल्हन का कहना है कि उसे लड़का पसंद नहीं है. वह अपाहिज है, उसने शादी के पहले लड़के को नहीं देखा था. पिता ने यह शादी तय की थी, उनके अलावा घर के किसी सदस्य ने लड़के को नहीं देखा. जब शादी होने के उपरांत दूसरे घर में मौजूद देवी देवताओं के पैर छूने गई तो लड़का पीछे पीछे और वह आगे आगे चल रही थी. सीढ़ी चढ़ने के दौरान लड़का लड़खड़ाने लगा, जिससे उसके दिव्यांग होने का पता चला. उसने जब दूल्हे के साथ जाने से इंकार कर दिया तो कुछ गांव वाले और बारात में आए लोग जबरदस्ती उसे बोलेरो में बैठाने लगे. जिसके बाद वह किसी तरह से वहां से निकलकर घर आई आई और ससुराल जाने से इंकार कर दिया. अब वह उसके साथ किसी भी कीमत पर रहना नहीं चाहती है.

इस घटना के बाद लड़का अपनी पत्नी को साथ ले जाने के लिए और समाज में हो रही बदनामी के डर से पुलिस से न्याय की गुहार लगाने थाने पहुंचा. उसने कहा कि उसे शादी के बाद दिव्यांग साबित कर दिया गया है. गांव में बदनामी हो रही है, अब उसे अपनी दुल्हन को साथ ले जाना है. वहीं इस मामले में नूरसराय थाना अध्यक्ष वीरेन्द्र चौधरी ने बताया की आवेदन प्राप्त हुआ है पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है. (प्रणय राज की रिपोर्ट).

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