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कैमूर : बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान के बयान पर नौघरा और मलिक सराय के ग्रामीणों ने लगाई मुहर, बोलें मंत्री के पूर्वज थे हिन्दू जाती के राजपूत

कैमूर में बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने बयान दिया था कि मेरे पूर्वज हिन्दू थे और हिंदुओं में राजपूत. आज भी चैनपुर के सरैया में वंशज है. मंत्री के बयान को मंत्री के गांव वाले और सरैया के ग्रामीण सही मानते हुए बताते है कि मंत्री के पूर्वज हिन्दू जाति से राजपूत थे, बाद में धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बन गए.

ग्रामीणों का कहना है कि आज भी दोनो गांव के लोग शादी ब्याह, श्राध्द में शामिल होते हैं. मंत्री के गांव के लोगो का कहना है कि राजस्थान के वैशवाडा के राजा महिमन नारायण सिंह के दो पुत्र भगवान सिंह और जय राम सिंह थे. अलाउदीन खिलजी के कहने पर कैमूर के चैनपुर आए ,चैनपुर के राजा शालिवाहन से युद्ध करने और युध्द भी हुआ, जिसमें राजा शालिवाहन की हार हुई जिसमें उसकी मौत हो गई. राजा शालिवाहन के छः कोर्ट हुआ करता था, जिसमे भगवान सिंह के पांच पुत्र के कारण पांच कोर्ट भगवानसिंह और जय राम सिंह के एक पुत्र होने के कारण एक कोर्ट जयराम सिंह को मिला. जिसके बाद भगवान सिंह मुस्लिम धर्म अपनाए और जय राम सिंह हिन्दू धर्म पर रह गये. वर्षो दोनो परिवार में एक दूसरे के घर आना जाना हुआ करता था.

भगवान सिंह नौघरा में बस गए ,मुस्लिम धर्म अपनाने के बाद भी वर्षो तक अपने घर मे पहले हिन्दू रीतिरिवाज से शादी होता फिर निकाह पढ़ा जाता. आज तक दोनो परिवार के लोग वह सम्बन्ध निभा रहे है. वही मंत्री के वंशज सरैया में जो आज मलिक सराय सरैया कहा जाता है वहा के ग्रामीणों का कहना है कि हम दोनों परिवार हिन्दू जाति के राजपूत थे पर बाद में भगवान सिंह मुस्लिम धर्म अपना लिए पर दोनो गाँव के लोगो में आज भी शादी, ब्याह, श्राध्द में आते जाते है उनके घर मौत होने पर मंजिल के जनाजा देने जाते हैं. वही सरैया गांव के पुरोहित के वंशज बताते है कि मेरी दादी बताती है कि तुम्हारे दादा के पिता जी नौघरा और सरैया गाँव के पुरोहित थे. नौघरा में भगवान सिंह के परिवार मुस्लिम धर्म होने के बाद भी पहले हिन्दू रीतिरिवाज से शादी होती थी उसके बाद निकाह पढ़ा जाता था.

हर कार्य मे पंडित से पहले पूजा पाठ होता था,वही मुस्लिम धर्म गुरु का कहना है कि राजस्थान के वैशवाड़ा के राजा महिमन सिंह के पुत्र भगवान सिंह और जयराम सिंह को शेर साह ने बख्तियार खान के साथ कैमूर के चैनपुर में राजा शालिवाहन से युध्द करने भेजा ,उस युध्द में राजा शालिवाहन मारा गया जिसके बाद उसके छः कोर्ट को दोनो भाइयों में बांट दिया गया. भगवान सिंह सूफी संतों के साथ रहने के कारण मुस्लिम धर्म ग्रहण कर लिए जिससे उनका नाम पहाड़ खान हो गया उनके वंशज आज भी नौघरा सहित कई गांव में हैं. भगवान सिंह के वंशज मंत्री जमा खान है. भगवान सिंह का मजार आज भी चैनपुर के नुनिया टोला में है, तो वहीं जयराम सिंह के स्मृति जयरामपुर में है. धर्म गुरु ने मंत्री के बयान को सही बताया कि मंत्री जमा खान के वंशज हिन्दू जाति के राजपूत थे. (विशाल कुमार की रिपोर्ट).

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