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कैमूर : जिले के पीएचसी पर गार्ड के रूप में तैनात सुरक्षा कर्मियों ने हटाये जाने पर किया प्रदर्शन

कैमूर में भभुआ जिले के विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर वर्ष 2016 से सुरक्षा गार्ड के रूप में तैनात किए गए युवकों को पिछले तीन जून को हटा दिया गया. इसको लेकर उनमें काफी नाराजगी और आक्रोश है. हटाए गए सुरक्षाकर्मी आज सदर अस्पताल में इकट्ठे होकर आक्रोश व्यक्त करते हुए जमकर प्रदर्शन किया.

प्रदर्शनकारी सुरक्षा गार्डों ने कहा कि उन्हें दोबारा काम पर रखने के लिए एनजीओ द्वारा आज बुलाया गया था. पर उन्हें काम पर नहीं रखा गया. जिसके बाद उन्होंने डीएम को पत्र लिखकर काम पर रखे जाने की मांग की गुहार लगाई है. उनका कहना है कि हम एनजीओ के द्वारा वर्ष 2016 में बहाल किए गए थे हम प्रशिक्षित सुरक्षा गार्ड हैं. बिना सूचना के एनजीओ हम लोगों को हटाकर अप्रशिक्षित लोगों को काम पर रख रहा है. आज हम लोगों को काम पर रखने के लिए बुलाया गया था और एनजीओ के कर्मी हम लोगों को बुलाकर अपने गायब हैं, उन्होंने आक्रोश व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि एनजीओ के कर्मी द्वारा पैसा लेकर अप्रशिक्षित लोगों को सुरक्षा गार्ड के रूप में रखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि हम लोगों को हटाए जाने से परिवार और बाल बच्चे भुखमरी के कगार पर आ गए हैं. उन्होंने बताया कि जिले के नुआंव दुर्गावती कुदरा चैनपुर रामपुर चांद भगवानपुर अधूरा डूमदूमा चेहरिया धनेक्षा सहित अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर सुरक्षा गार्ड के रूप मैं रखा गया था. उनके कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं थी उसके बावजूद भी एनजीओ द्वारा उन्हें हटा दिया गया है.

हटाए गए सुरक्षा गार्डों में अक्षय कुमार, वीरेंद्र कुमार, चिंटू सिंह, धर्मेंद्र कुमार, मुकेश कुमार, मदन कुमार, राजेंद्र कुमार, धनपत कुमार राज, रजनीश कुमार, रवीश, रवि शंकर राम, प्रमोद कुमार के अलावा कई लोग हैं जो आज बेरोजगार हो गए उनके सामने दाना पानी की समस्या आ खड़ी हुई. (विशाल कुमार की रिपोर्ट).

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