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कैमूर : यज्ञ के साथ नेताजी की स्मृति में 30 कार्यक्रम का समापन, अब भगत सिंह के शहादत की स्मृति में भी 23 कार्यक्रम होंगे आयोजित

कैमूर में स्वस्थ भारत केन्द्र और वर्ल्ड साइंटिफिक एंड स्पिरिचुअल फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी के स्मृति में 30 जनहितकारी कार्यक्रमों के आयोजनों का वैदिक यज्ञ पूर्णाहुति के साथ समापन किया गया. इस यज्ञ अनुष्ठान का आयोजन स्वस्थ भारत केन्द्र वार्ड नं०19 स्थित योग प्रशिक्षण स्थल पर किया गया.

समापन से पहले समाज में योग के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य जागरूकता एवं योग प्रशिक्षण अभियान के अंतर्गत स्वस्थ भारत केन्द्र द्वारा कैमूर जिले के भभुआ शहर के मुख्य सड़कों सहित विभिन्न वार्डों में प्रभात फेरी निकाली गई. साथ ही भभुआ के आसपास के विभिन्न गांवों में जरूरतमंद लोगों के बीच भोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य संबंधी जरूरी संसाधनों का वितरण भी किया गया. संगठन के अध्यक्ष प्रभाकर तिवारी ने बताया कि आजादी के वास्तविक नायकों में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस प्रमुख रूप से शामिल हैं जिनके आजाद हिंद फौज के डर से अंग्रेजों ने भारत छोड़ दिया था. उनकी स्मृति में 30 कार्यक्रम का आयोजन करना हमारे लिए सौभाग्य की बात है. साथ ही कुछ कार्यक्रम को आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में भी संयुक्त रूप से मनाया गया. इसमें योग को केन्द्र बिन्दु में रखा गया ताकि लोगों के स्वास्थ्य स्तर को बेहतर बनाया जा सके. इस तरह स्वस्थ भारत के सपने को भी साकार किया जा सके.

आयोजित यज्ञ अनुष्ठान में सरस्वती बीज मंत्र से अग्नि देव को 108 आहुति दी गई. साथ ही वैदिक और उपनिषद के विभिन्न मंत्रों के उच्चारण के साथ साथ सभी प्रतिभागियों द्वारा आहुति दी गई. यज्ञ के समापन के बाद शंखध्वनी के साथ लोगों को अपने अपने जीवन में सात्विकता को हमेशा धारण किए रहने पर बल दिया गया. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि यज्ञ द्वारा वातावरण का शुद्धिकरण होता है. नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. आज के समय में प्रदुषण को खत्म करने में नियमित यज्ञ का अनुष्ठान, हवन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. ऐसा इसरो व नासा के वैज्ञानिकों द्वारा भी माना एवं सिद्ध किया गया है. जिसको भारतीय ऋषियों ने हजारों वर्ष पूर्व ही बता दिया था. यज्ञ के नियमित अनुष्ठान से भारतीय संस्कृति की परम्पराओं का सात्विक प्रवाह भी बना रहता है. अतः सभी देशवासियों को अपने अपने परिवार में नियमित यज्ञ करते रहना चाहिए. ऐसा करने से घर में संक्रामक बिमारियां भी नहीं फैलती और पूरा परिवार स्वस्थ रहता है.

इस यज्ञ अनुष्ठान में प्रकाश चंद्र, चंदन कुमार पाण्डेय, नैन्सी तिवारी, रिचा तिवारी, ज्योति, बालकृष्ण त्रिपाठी, चांदनी, डाॅली, प्रिया, आस्था, शिवांगी, श्रुति, सिखा तिवारी सहित अन्य लोग शामिल हुए. कार्यक्रम के समापन के दौरान प्रभाकर तिवारी ने आधिकारिक तौर पर बताया कि अब इसके बाद 23 मार्च भगत सिंह के शहादत दिवस के अंतर्गत एक बार फिर से हम 23 जनहितकारी कार्यक्रम आयोजित करने जा रहे हैं. जिसके अंतर्गत भगत सिंह के सपने के अनुसार गांवों को योग से स्वस्थ किया जाएगा. मालूम हो कि 23 साल की उम्र में भगत सिंह ने अपने दो अन्य साथियों (राजगुरु, सुखदेव) सहित मां भारती को अंग्रेजों के बेड़ियों से स्वतंत्र करवाने के लिए आने वाली पीढ़ियों की आजादी के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था. भारतीयों में स्वतंत्रता की क्रांति की आग तेज न हो इसलिए अंग्रेजों द्वारा उन्हें तय समय से एक दिन पहले ही रातों रात फांसी के फंदे पर लटका दिया गया था. सरदार भगत सिंह जी को, हम योग को अपने जीवन में अपना कर भारत को स्वस्थ कर सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं. साथ-साथ कुछ समय राष्ट्र चिंतन कर भारत माता के लिए भी निकालें. भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने में सभी आगे आएं और साथ दें. (विशाल कुमार की रिपोर्ट).

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