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चाईबासा : कमरहातु की कल्पना देवगम ने 20 वर्ष की अल्पायु में उत्तीर्ण की यूजीसी नेट

चाईबासा में सदर प्रखंड के कमरहातु गांव की कल्पना देवगम ने महज 20 वर्ष की अल्पायु में पहले प्रयास में ही युजीसी-नेट उत्तीर्ण कर युवाओं को नयी राह दिखायी है. यूजीसी नेट लिखते लिखते लोग बूढ़े हो जाते हैं, ऐसे में कल्पना देवगम की सफलता बताती है कि अल्पायु में भी राष्ट्रीय स्तर की इस परीक्षा को क्रैक किया जा सकता है. होनहार बेटी की इस सफलता से उनके माता-पिता समेत सारे रिश्तेदारों में खुशी का माहौल है.

कल्पना देवगम फिलहाल उत्तर प्रदेश के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पढ़ती है. वह कमरहातु निवासी कृष्ण देवगम, जो प्राथमिक विद्यालय नीमडीह के प्रधानाध्यापक हैं, की बेटी है. माता का नाम जुलियाना देवगम है, जो मतकमहातु पंचायत की मुखिया है. यदि कल्पना देवगम आगे जाकर असिस्टेंट प्रोफेसर बनती है, तो यह उपलब्धि हासिल करनेवाली अपने खानदान की वह दूसरी महिला होगी, क्योंकि इसी खानदान से उसकी चचेरी बहन क्रिस्टीना देवगम भी अल्पायु में ही यूजीसी-नेट क्वालिफाई करके असिस्टेंट प्रोफेसर बनी थी. अब वह साहेबगंज में राजनीतिशास्त्र पढ़ाती हैं. अब कल्पना भी इसी नक्शेकदम पर है.

वहीं कल्पना के पिता कृष्ण देवगम ने बताया कि कल्पना देवगम ने हिंदी विषय के साथ यह परीक्षा दी थी. यह उनका पहला प्रयास था. उनका रोल नंबर JH04008245 है. उम्मीद नहीं थी कि इतनी कम उम्र में नेट क्वालिफाई करेगी. कल्पना देवगम अब आगे जाकर जूनियर रिसर्च फेलो या फिर असिस्टेंट प्रोफेसर के पेशे को कैरियर के रूप में चुन सकती है. बता दें कि यूजीसी नेट-2023 का रिजल्ट शुक्रवार को जारी हुआ था. (संतोष वर्मा की रिपोर्ट).

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