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बेगूसराय : 14 वर्षो से संतान की आस में महिला ने एक साथ तीन लड़कों को दिया जन्म

पिंकल कुमार

https://youtu.be/fRrz0eZXB-U

बेगूसराय में 14 वर्षो से संतान सुख के लिए तरस रहे एक दंपत्ति के एक साथ एक, दो नहीं बल्कि तीन-तीन संताने जन्म लेने का मामला सामने आया है. और यह सब संभव हुआ है बेगूसराय की एक महिला चिकित्सक डॉ मधु के इलाज द्वारा.

बता दें कि बेगूसराय की किरण की शादी आज से 14 वर्ष पूर्व विजय तांती से हुई थी. विजय तांती मूल रूप से तेघड़ा प्रखंड के मरसौति गाँव के रहने वाले है. शादी के 14 साल बीत जाने के बाबजूद बच्चा नहीं होने के कारण न सिर्फ किरण के ससुराल वाले बल्कि किरण के परिजन और रिश्तेदार भी उसे धीरे-धीरे बांझ समझने लगे थे और ताना मारना शुरू कर दिया था. लेकिन किरण को उसके पति का साथ मिला और लगातार किरण चिकित्सकों के संपर्क में रही. इसी दौरान किरण को बेगूसराय की डॉ मधु के बारे में किसी ने जानकारी दी. उसको उम्मीद जगी और किरण अपने पति के साथ डॉ मधु के क्लीनिक पर पहुंच गई जहां उसकी इलाज शुरू हुई. डॉ मधु ने 14 साल पुराने केस का पूरी तरह से अध्ययन करने के बाद ये पाया कि दोनों पति पत्नी में थोड़ी थोड़ी कमी है जिस वजह से किरण गर्भ धारण नही कर पा रही है. डॉ मधु ने पाया कि किरण के अंडाशय में अंडे का निर्माण नहीं हो पा रहा था ,वहीं किरण के पति में ये कमी थी कि बीज कमजोर होते थे.

लगभग एक महीने लगातार जांच और दवाई के प्रयोग से किरण ने गर्भधारण कर लिया. जिसके बाद डॉ मधु लगातार उसका स्वास्थ्य परीक्षण करती रही और समय पूर्ण होने पर किरण ने एक-दो नही बल्कि एक साथ तीन-तीन बच्चों को जन्म दिया है. तीनो बच्चे पुत्र हैं और सभी स्वस्थ हैं. संतानोत्पत्ति के बाद तो किरण की आंख से खुशी के आंसू छलक उठे और किरण के परिवार के लोग जो कल तक किरण को ताना मारा करते थे आज किरण को सर आंखों पर बिठाए बैठे हैं.

वहीं स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ मधु जिन्होंने असंभव को संभव बनाने में किरण की काफी मदद की और तकनीकी रूप से इलाज कर किरण की झोली को पुत्र रत्न से भर दिया, वे बताती हैं कि आज के वैज्ञानिक और चिकित्सकीय युग में कुछ भी असंभव नहीं है और हर मर्ज की दवा है. डॉ मधु ने जहाँ कि ऐसा नहीं है कि सिर्फ महिलाओं में ही कमी होती है, कई बार पुरुषों में भी कमी पाई जाती है. उन्होंने कहा कई बार बच्चा नही होने पर ग्रामीण इलाकों में लोग महिलाओं पर बांझ होने का आरोप लगाने लगते है यह सरासर गलत है. ऐसे कई मामले मेरे पास आये कई जिसमे पुरुषों के अंदर बीज नही बनने की शिकायत सामने आई हैं. इसके लिए महिला या पुरुष कोई भी दोषी नहीं है और ना ही इसके लिए उन्हें मानसिक प्रताड़ित किया जाना चाहिए. सही वक्त सक्षम निर्णय से लोग खुशहाल दांपत्य जीवन प्राप्त कर सकते हैं.

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