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सीवान के पचरुखी में पूर्व मुखिया ने महादलित परिवार को गांव छोड़ने की दी धमकी

कुमार विपेंद्र

सीवान में एक पूर्व मुखिया द्वारा एक महादलित परिवार के साथ मारपीट करने और गांव छोड़ने की धमकी दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है. घटना पचरुखी थाना क्षेत्र के मंद्रापाली गांव की है. जहां के महादलित हरी मांझी ने पूर्व मुखिया प्रभुनाथ यादव पर यह आरोप लगाते हुए थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है. वहीं आरोपी पूर्व मुखिया इसे निराधार आरोप बताते हुए भूमि विवाद का मामला बता रहे हैं.

बताया जाता है कि मंद्रापाली निवासी हरी मांझी द्वारा पचरुखी थाना में दिए गये लिखित शिकायत में दर्ज आरोप के मुताबिक पूर्व मुखिया प्रभुनाथ यादव ने उन्हें यह कहते हुए गांव छोड़ने फरमान जारी कर दिया है कि मैं अपने नजदीक किसी महादलित को नहीं बसने दूंगा. मुखिया ने हरी मांझी के खेत पर भी अपना कब्जा जमा लिया है. साथ ही पूरे परिवार को मारपीट कर घायल कर दिया. वहीं मंद्रापाली के वर्तमान मुखिया अनिल राम का कहना है कि भले ही आरक्षण के बल पर हम दलित मुखिया बन जायें अथवा उचे पदों पर आसीन हो जायें. लेकिन, आज भी सामंती शक्तियां अपना वर्चस्व बनाये हुए हैं. अनिल राम ने प्रशासन पर पक्षपात करने का आरोप लगाया और कहा कि जहां एक तरफ महादलित परिवार पूर्व मुखिया के भय से परेशान है वहीं पुलिस सोई हुई है.
हालांकि पूर्व मुखिया प्रभुनाथ यादव ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि मेरे राजनितिक प्रतिद्वंदी वर्तमान मुखिया अनिल राम उर्फ़ सोहन राम के इशारे पर मुझे बदनाम करने की साजिश की जा रही है. सोहन राम मेरी छवि दलित विरोधी बनाने पर तुले हुए हैं जबकि, मैं हमेशा से दलित समाज के साथ रहा हूं. वहीं पूर्व मुखिया प्रभुनाथ यादव ने माना कि हरि मांझी से विवाद के पीछे भूमि विवाद है. इसी का नाजायज फायदा उठाकर वर्तमान मुखिया दलितों को गुमराह करना चाह रहे हैं. वहीं पचरुखी थानाध्यक्ष ने इस बारे में पूछे जाने पर मामले की जांच कर कार्रवाई करने की बाते कहीं.

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