सीवान निवासी CRPF जवान अवधेश बैठा का शव पहुंचा घर, उग्रवादियों ने अपहरण कर की थी हत्या
अभिषेक श्रीवास्तव
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मंगलवार को जब पूरा देश आजादी की 71वीं वर्षगांठ को सेलिब्रेट कर रहा था उसी वक्त सीवान के आंदर थाना क्षेत्र के भवराजपुर गांव निवासी और सीआरपीएफ के जवान अवधेश बैठा की कई टुकड़ों में बंटी लाश उनके घर लायी गयी. अरुणाचल प्रदेश के खूनसा जिले में सीआरपीएफ के बटालियन 36 में तैनात अवधेश बैठा की उग्रवादियों ने तब हत्या कर दी थी जब वे छुट्टी लेकर अपने पैतृक गांव भवराजपुर आ रहे थे.
बताया जाता है कि 40 वर्षीय अवधेश बैठा ने 29 जुलाई को अपने गांव आने के लिए छुट्टी रिलीज कराई थी. वह छुट्टी तीन अगस्त से लेकर 23 अगस्त तक मंजूर हुयी थी. इसी के आधार पर वे अपना समान लेकर गांव आने के लिए दो अगस्त को ट्रेन पकड़कर चल दिए. लेकिन उग्रवादियों ने उन्हें ट्रेन से अगवा कर जंगल में ले जाकर आठ टुकड़ों में काटकर शव को जहाँ तहा फेक दिया था. वहीं खूनसा जीआरपी को प्लेट फार्म से थोड़ी दुरी पर किसी का सामान पड़ा मिला जिसके बाद जीआरपी ने खोजबीन की तो उसे उनका आधार कार्ड, पैनकार्ड, पहचान पत्र व घर का नंबर मिला. नंबर पर जीआरपी ने फोन कर घरवालो को सारी जानकारी दी. उसके बाद उनका बड़ा लड़का तीन अगस्त अपने पिता को खोजने व सामान लेने के लिए चला गया. वहां पहुचा तो उसे सिर्फ समान मिला. जिसे लेकर वह घर आने लगा. लड़का अभी हाजीपुर तक पहुचा ही था कि जीआरपी ने दोबारा फोन किया कि शव मिल गया है. इसपर वह फिर से खूनसा गया जहां जीआरपी और सीआरपीएफ कम्पनी ने खोजबीन कर शरीर के सभी अंगो को मिलाया लेकिन उनकी गर्दन नही मिली. हारकर बगैर गर्दन के ही शव को इक्कठा कर पोष्टमार्टम कराया गया और फिर मंगलवार को सीआरपीएफ के 10 जवान अरुणाचल प्रदेश से शव को गांव लेकर आए.
शव आने के बाद पुरे गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया. लोग दौड़ कर उनके घर जाकर इकट्ठे होने लगे. वहीँ परिवार के सभी सदस्यों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया. बाद में गार्ड ऑफ़ ऑनर के साथ उनकी अंत्येष्टि की गयी. इस दौरान सीआरपीएफ के जवान रंजीत कुमार, एसके माथुर, मधुप सिंह, सूरज यादव, आंदर थानाध्यक्ष चंद्रिका प्रसाद, सीओ अमलेश कुमार, शिक्षक सह समाजिक कार्यकर्ता शेषनाथ द्विवेदी टिंकू, मुखिया नरेंद्र प्रसाद, अध्यक्ष कुंजबिहारी सिंह सहित सहित सैकड़ो लोग उपस्थित रहें.
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