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पटना : नगर निगम एवं यूएनडीपी ने सफाई कर्मियों को दिया स्वच्छता किट

पटना में कोरोना के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम में सरकार के सामने कई चुनौतियां हैं. चाहे दूसरे राज्यों से प्रवासियों को सुरक्षित अपने घर पहुंचाना हो या राज्य के भीतर संक्रमण के प्रसार पर लगाम लगाना हो. इन सभी परिस्थितियों का सरकार मजबूती से सामना कर रही है. लेकिन इन सबके बीच अनौपचारिक रूप से कचरा बीनने वाले एवं सफाई कर्मियों को भी कोरोना संक्रमण का सीधे तौर पर खतरा सर्वाधिक है. इस मुश्किल हालात में पटना नगर निगम एवं यूएनडीपी( यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम) ने कचरा बीनने वालों एवं स्वच्छता कार्यकर्ताओं को कोरोना से बचाव की दिशा में पहल की है. उन्हें स्वच्छता किट प्रदान कराने के साथ उनका उन्मुखीकरण किया जा रहा है ताकि कोरोना जैसी महामारी से उनका बचाव हो सके.

सफाई कर्मी एवं कचरा बीनने वालों को है अधिक खतरा :

पटना के सफाई कर्मी एवं कचरा बीनने वाले कोविड-19 से जूझ रहे फ्रंटलाइन कार्यकर्ता हैं. कोरोना के इस संकटकाल में अस्पतालों एवं कोविड-19 रोगियों के घरों से कचरे के निस्तारण में सफाई कर्मी एवं कचरा बीनने वाले संलिप्त हैं.यहां तक कि रोगियों द्वारा फेंके गए ग्लोबस, मास्क, सीरिंज इत्यादि जैसे अपशिष्ट पदार्थों के निस्तारण में सफाई कार्यकर्ता एवं कचरा बीनने वाले शामिल हैं. जिससे कोरोना संक्रमण ले प्रसार का खतरा उनमें कहीं अधिक है. इसे ध्यान में रखते हुए पटना प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन कार्यक्रम के तहत पटना नगर निगम और यूएनडीपी नियमित रूप से इन कचरा बीनने वालों एवं स्वच्छता कार्यकर्ताओं को प्रेरित कर रहे हैं. साथ ही नियमित और व्यवस्थित रूप से उनके समर्थन करने की योजना पर कार्य कर रहे हैं.

मास्क, स्वच्छता किट एवं फूड पैकेट का किया गया वितरण :

बिहार यूएनडीपी के प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन कार्यक्रम के कार्यक्रम अधिकारी अरविंद कुमार ने बताया अभी तक यूएनडीपी के सहयोग से पटना के स्वच्छता कार्यकर्ताओं एवं कचरा बीनने वालों के बीच पांच हजार मास्क, 3573 स्वच्छता किट (जिसमें चार साबुन, सेनेटरी पैड, सैनिटाइजर व दस्ताने हैं), 2687 फूड पैकेट का वितरण किया गया है. इसके अलावा यूएनडीपी ने अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के मौके पर पटना नगर निगम कमीशन द्वारा 10 कचरा बीनने वाले एवं स्वच्छता कार्यकर्ताओं को सम्मानित भी किया गया है, जिन्होंने इस कोरोना संकट के दौरान प्रशंसनीय कार्य किया.

412 कचरा बीनने वालों को लाभ दिलाने की कोशिश :

अरविंद कुमार ने बताया पटना नगर निगम, एचसीबीसी एवं यूएनडीपी के साथ साझेदारी में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन कार्यक्रम एक बेहतर पहल है, जो प्लास्टिक कचरे को निस्तारित कर पर्यावरण को होने वाले नुकसान और जोखिमों को कम करने के मकसद से बनाया गया है. फ़िलहाल देशभर में अनौपचारिक क्षेत्र में लगभग 40 लाख कचरा बीनने वाले हैं. जबकि हमारे पास भी 412 कचरा बीनने वाले हैं, जो पटना प्लास्टिक कचरा प्रबन्धन कार्यक्रम के तहत अपशिष्ट एकत्रित करते हैं. उन्होंने बताया इनमें 252 कचरा बीनने वालों के बैंक खाते खुलवाए गए हैं. साथ ही सभी को जनधन योजना से 500 रूपये मिल रहे हैं, जिससे इस कोरोना संकटकाल में उन्हें राहत भी मिली है. अभी यूएनडीपी आजीविका, मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन एवं कूड़ा प्रबंधन के बीच कार्य कर रहा है. साथ ही प्लास्टिक कचरे ए उचित प्रबंधन और हैंडलिंग के लिए संस्था और कार्यालयों को सहयोग भी कर रहा है

कचरा बीनने वालों एवं सफाई कर्मियों को कोरोना से बचाव के लिए सहयोग :

पटना नगर निगन एवं यूएनडीपी द्वारा कचरा बीनने वालों एवं सफाई कार्यकर्ताओं को कोरोना से बचाव में सहयोग किया जा रहा है.
• कचरा बीनने वाले और सफाई कार्यकर्ताओं का क्षमता वर्धन.
• स्वच्छता किट का वितरण (जिसमें सारबुन, सेनेटरी पैड, सैनिटाइजर व दस्ताने हैं).
• स्वास्थ्य शिविर प्रदान करना.
• आईडी-कार्ड प्रदान कराना.
• सरकारी योजना का लाभ दिलाने के लिए बैंक खाता खोलना. (सेंट्रल डेस्क).

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