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पटना : मुख्यमंत्री ने बाढ़ की संभावना को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग को तैयार रहने का दिया निर्देश

पटना में सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण नेपाल और गंडक नदी से हो रहे जलस्राव से प्रभावित होने वाले राज्य के क्षेत्रों में संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुये वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की जहां आपदा प्रबंधन विभाग के साथ-साथ जिलों के जिलाधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया.

बता दें कि नेपाल एवं गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्र में हो रही भारी वर्षापात के कारण गंडक नदी के जलस्त्राव (डिस्चार्ज) एवं नदी के जलस्तर में काफी वृद्धि होने की संभावना है. भारी वर्षापात के कारण पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, वैशाली एवं सारण जिले में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. जिसको लेकर मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग एवं सभी संबंधित जिलाधिकारियों को पूरी तरह अलर्ट में रहने का निर्देश देते हुये कहा कि गंडक नदी के जलश्राव वाले क्षेत्रों में निचले इलाकों में रहने वाले लोगों का निष्क्रमण कराकर उन्हें चिन्हित ऊंचे एवं सुरक्षित स्थानों पर पहुचाने की कार्रवाई सुनिश्चित करें. साथ ही मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्य के लिये पूरी तरह तैयार रहने का भी निर्देश दिया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि निष्क्रमित आबादी के बीच सहायता कार्य पूरी तत्परता के साथ करें ताकि उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़े. उन्होंने कहा कि एसओपी के अनुसार इनके लिये सारी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये. निष्क्रमित आबादी वाले क्षेत्रों में अगर कोई कंटेनमेंट जोन चिन्हित हो तो उनके लिये अलग आपदा राहत केन्द्र बनाकर उन्हें सहायता पहुचायी जाये. ऐसे लोगों को सामान्य बाढ़ पीड़ितों से पृथक रखने की व्यवस्था सुनिश्चित करें.

उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि राहत केन्द्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से हो रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों से आबादी का निष्क्रमण हो रहा है, उन क्षेत्रों में पशुओं के लिये भी समुचित चारे की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाये. उन्होंने निर्देश दिया है कि जल संसाधन विभाग अपने सभी अभियंताओं को आक्रमण्य स्थलों पर पूरी तरह अलर्ट रखें ताकि तटबंधों की पूर्ण सुरक्षा की जा सके. मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि जिलों में पूर्व से प्रतिनियुक्त एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीमों को भी पूरी तरह अलर्ट मोड में रखा जाय ताकि किसी भी प्रतिकूल स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके. (सेंट्रल डेस्क).

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