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नवादा : बैंक ऑफ इंडिया के तीन सीएसपी को किया गया ब्लॉक, घोटालेबाज की पत्नी व भाई के नाम पर चल रहा था सीएसपी

नवादा में बैंक ऑफ इंडिया के सीएसपी घोटाला मामले में बैंक अधिकारियों ने कार्रवाई तेज कर दी है. करीब एक करोड़ 56 लाख का घोटाला करने का आरोपी सीएसपी संचालक रंजन कुमार पर बैंक कार्रवाई करने की तैयारी में है. रंजन व उसकी पत्नी तथा भाई के नाम से नवादा में तीन सीएसपी संचालित था.

बता दें कि नगर थाना क्षेत्र के बुधौल निवासी प्रमोद सिंह के पुत्र रंजन कुमार द्वारा बैंक घोटाला का उजागर दुमका जिला से हुआ. वहां के ट्रेजरी से बैंक ऑफ इंडिया के अपने निजी एकाउंट में 6 लाख रूपये निकाले जाने का प्राथमिकी स्थानीय बैंक प्रबंधक द्वारा दुमका नगर थाना में दर्ज कराया गया था. जिसमें कांड संख्या-276/21 दिनांक 8 नवम्बर 2021 को दर्ज कराया गया था. उन दिनों वहां की पुलिस रंजन को नवादा से गिरफ्तार कर ले गई. जिसके बाद जमानत पर वह रिहा होकर नवादा में रह रहा है. इस घटना के बाद से उसके कारनामों की जांच दुमका पुलिस करना शुरू किया. जिसमें उसके नवादा आईडीबीआई एकाउंट में दुमका ट्रेजरी का 52 लाख रूपये ट्रांस्फर होने की खुलासा हुई. इतना ही नहीं रंजन ने अपने भाई निरज कुमार के निजी एकाउंट में बैंक घोटाला का 12 लाख रूपये ट्रांस्फर कराया. घोटालेबाज रंजन के भाई निरज के नाम से अकबरपुर थाना क्षेत्र के मस्तानगंज में सीएसपी संचालित था.

दुमका पुलिस के द्वारा मामला की खुलासा किये जाने के बाद नवादा में बैंक ऑफ इंडिया के नाम से संचालित रंजन व उसकी पत्नी तथा उसके भाई के सीएसपी को तुरंत सील कर दिया गया. इस पूरे प्रकरण में बैक ऑफ इंडिया के नाम पर जिले में जिन-जिन लोगों से फर्जीवाड़ा कर रूपये लिए गये, उन ग्राहकों में कोहराम मच गया. रंजन के फर्जीवाड़ा की सूचना पर बैंक प्रबंधक के पास एक दर्जन आवेदन प्राप्त हो चुका है. जिसके आधार पर बैंक के वरीय अधिकारी जांच कर रही है. बैंक प्रबंधक धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि रंजन अपनी पत्नी और भाई के नाम पर सीएसपी के माध्यम से लोगों को फर्जी रसीद देकर बैंक में रूपये जमा करने का फर्जीवाड़ा करता था. जिसको लेकर एक दर्जन आवेदन ग्राहकों का प्राप्त हुआ है. उसके व उसकी पत्नी और भाई का एकाउंट को फ्रिज कर सीएसपी को बंद कर दिया गया है. साथ ही पूरी प्रकरण की सूचना बैंक के वरीय अधिकारी को भेजा जा चुका है.  

सीएसपी घोटालेबाज से बगैर बैंक सूचना के सेटलमेंट कराने वाले ग्राहकों पर भी होगी कार्रवाई

बैंक के पटना जोनल अधिकारी ने साफ कहा कि जो लोग बगैर बैंक सूचना के सेटलमेंट कराकर राषि लेते हैं, उनपर भी कार्रवाई की जायगी. गौरतलब हो कि एक ग्राहक दो लाख रूपये एफडी के नाम पर घोटालेबाज रंजन को प्रतिमाह दो हजार रूपये के सूद पर दिया था. इतना ही नहीं बैंक में भी आवेदन देकर सेटलमेंट कराने का आग्रह किया गया. लेकिन इस ग्राहक ने बगैर बैंक की अनुमति के ही घोटालेबाज से सेटलमेंट करा लिया. इस परिस्थिति में बैंक सख्ती बरतते हुए वैसे लोगों पर भी कार्रवाई करने की तैयारी में है.

किस-किस जगह पर चलाया जा रहा था सीएसपी

बैंक ऑफ इंडिया के नाम पर घोटालेबाज सीएसपी संचालक रंजन कुमार के नाम से कादिरगंज में कोड संख्या-11046552 से संचालित था. उसकी पत्नी राधिका सिंह के नाम से बैंक भवन में कोड संख्या-11048340 से संचातिल था. उसके भाई निरज कुमार के नाम से शहर से सटे अकबरपुर थाना क्षेत्र के मस्तानगंज में कोड संख्या- 11048037 से संचालित था. फिलवक्त तीनों को बंद करा दिया गया है.

क्या कहते हैं बैंक के जोनल अधिकारी

बैंक ऑफ इंडिया, पटना के नोडल अधिकारी राकेश भारती ने कहा कि बैंक ऑफ इंडिया के नाम से सीएसपी चलाने वाला रंजन व उसकी पत्नी तथा भाई के नाम का सभी एकाउंट फ्रिज कर दिया गया है. साथ उसके सीएसपी को भी बंद करा दिया गया है. उसके दुमका सहित नवादा में किये गये पूरे मामले की जांच बैंक के एक्सपर्ट द्वारा किया जा रहा है. सीएसपी संचालक रंजन पर फर्जीवाड़ा मामले में प्राथमिकी दर्ज की जायगी, साथ ही इसमें जिन-जिन लोगों की संलिप्तता है, उन सभी को जेल जाना होगा. इसके अलावा जो लोग बगैर बैंक की अनुमति के सेटलमेंट कराकर राषि ले चुके हैं. उन पर भी कार्रवाई होगी. बैंक के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वालों को बैंक किसी भी हालत में नहीं छोड़ेगी. बहुत जल्द बैंक द्वारा प्राथमिकी दर्ज कर सभी पर कार्रवाई के लिए तैयारी कर चुकी है. (सन्नी भगत की रिपोर्ट).

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