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बेगूसराय : गंगा नदी के बाढ़ से स्थिति हुई विकराल, जिला प्रशासन द्वारा बचाव व राहत कार्य जारी

बेगूसराय में गंगा नदी के बाढ़ से स्थिति विकराल होती जा रही है. सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार यहां 156 गांव के दो लाख 70 हजार से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं. वहीं डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने सोमवार को बताया कि जिला प्रशासन जिले के बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों को सभी आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा इस दिशा में गंभीरता से कार्य किए जा रहे हैं. आपदा नियंत्रण कक्ष एक्टिव मोड में है तथा कोई भी जानकारी या सूचना के लिए 06243-230210 एवं 06243-230211 पर संपर्क किया जा सकता है.

बता दें कि बछवाड़ा, तेघड़ा, बरौनी, बेगूसराय, मटिहानी, बलिया, साहेबपुरकमाल एवं शाम्हो प्रखंड के 22 पंचायत पूरी तरह तथा 26 पंचायत आंशिक रूप से बाढ़ प्रभावित हो गया है. अब तक 156 गांव के दो लाख 70 हजार एक सौ लोग बाढ़ की चपेट में आए हैं. सभी प्रभावित इलाके में जरूरत एवं मांग के अनुरूप 30 सरकारी नाव, 277 निजी नाव एवं दो मोटरबोट नावों का परिचालन कराए जाने के साथ-साथ विस्थापितों के लिए राहत शिविरों एवं 132 सामुदायिक रसोईयों का संचालन किया जा रहा है, जहां आपदा प्रबंधन विभाग के निर्देशानुसार आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है. जरूरतमंदों को पॉलिथिन शीट्स तथा 21 स्वास्थ्य केंद्र में दवाइयां एवं अन्य मेडिकल सुविधाएं आदि उपलब्ध कराने के साथ-साथ राहत शिविरों एवं सामुदायिक रसोईयों में आने वाले व्यक्तियों को कोविड-19 टेस्ट किया जा रहा है, ताकि कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की पहचान होने पर निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत चिकित्सीय कार्रवाई की जा सके.

डीएम ने बताया कि गंगा नदी के जल स्तर में वृद्धि ने मवेशियों के लिए भी चुनौती उत्पन्न किया है तथा 21 हजार से अधिक पशु प्रभावित हो गए हैं. जिसको ध्यान में रखकर सभी प्रभावित अंचलों में पशुचारा के साथ-साथ चिन्हित स्थलों पर पशु कैंप का भी संचालन किया जा रहा है तथा 303 क्विंटल पशु चारा का वितरण अब तक किया गया है. सभी संबंधित अंचलाधिकारियों को प्रभावितों तक आवश्यक सुविधाओं को संवेदनशीलता के साथ उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. डीएम ने बताया कि प्रभावित अंचलों में राहत एवं बचाव के कार्य सुचारू रूप से चले इसके लिए प्रतिनियुक्त पदाधिकारी अपने-अपने आवंटित अंचलों में दैनिक रूप से भ्रमण कर अथवा स्टे कर सभी कार्यों का पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण कर रहे हैं. सभी संबंधित अनुमंडल पदाधिकारियों एवं अन्य संबंधित पदाधिकारियों को तटबंधों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई करने तथा क्षेत्र में भ्रमणशील रहते हुए प्रभावित लोगों के लिए चलाए जाने वाले राहत एवं बचाव के कार्यों का अनुश्रवण करने का निर्देश दिया गया है. इसके अतिरिक्त बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंताओं को संबधित नदियों के जलस्तर का अपडेट लेते रहने एवं तटबंधों की सतत निगरानी का निर्देश देते हुए कहा गया है कि तटबंधों में किसी भी प्रकार की क्षति होने पर वहां राहत तथा बचाव कार्य के लिए तत्काल कदम उठाएं. पथ निर्माण विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंताओं को भी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के पथों की स्थिति पर नजर बनाए रखने का भी निर्देश दिया गया है. (पिंकल कुमार की रिपोर्ट).

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