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बड़े और छोटे भाई ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को किया चौपट : उपेन्द्र कुशवाहा

नूर आलम

बेगुसराय में शनिवार को रालोसपा का जिला सम्मेलन आयोजित हुआ. सिंघौल स्थित वीना बैंक्वेट हॉल में आयोजित इस सम्मेलन का उद्घाटन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केन्द्रीय राज्यमंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने द्वीप प्रज्जवलित कर किया.

सभा को संबोधित करते हुए उपेन्द्र कुशवाहा ने महागठबंधन पर जमकर हमला बोला और नीतीश कुमार व लालू प्रसाद यादव पर बिहार की शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बड़े और छोटे भाईयों ने मिलकर बिहार की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर दिया. बिहार में बद से बदतर होती जा रही शिक्षा को पटरी पर लाने का काम करना है. जब तक शिक्षा की व्यवस्था सही ढंग से पटरी पर नहीं आएगी, तब तक बिहार के नौजवानों का भविष्य बर्बाद होते रहेगा. इस राज्य के किसान मजदूर व गरीब घर के सभी बच्चों के माता-पिता यह चाहते हैं कि हम एक शाम भूखे रह जाएं लेकिन हम अपने बच्चों को अवश्य पढ़ावें.
उन्होंने कहा की बिहार की सत्ता संभालने के बाद हमने नीतीश कुमार पर पूरा भरोसा किया था, लेकिन बिहार में शिक्षा को सुधारने के बजाए बद से बदतर करके रख दिया. 12 वर्ष पहले इस राज्य की बागडोर नीतीश कुमार ने संभाला था. उसके पहले बड़े भाई ने उच्च शिक्षा को चौपट कर के रख दिया. उससे कहीं ज्यादा छोटे भाई ने और शिक्षा की व्यवस्था को सुधारने के बजाए बर्बाद कर दिया. कुछ शिक्षकों को छोड़कर वैसे शिक्षक अभी बहाल उन्होंने किया है जो अपने घर का पूरा पता भी ठीक से नहीं लिख सकते. इससे ज्यादा शर्म की क्या बात हो सकती है. इस शिक्षा व्यवस्था को बिहार में पुनः पटरी पर लाने के लिए पटना के गांधी मैदान में आगामी 15 अक्टूबर को एक भव्य रैली का आयोजन किया जाएगा. जिस रैली का मुख्य मुद्दा है कि बिहार में चौपट शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाना. इसके लिए राज्य सरकार के समक्ष पूरे मजबूती के साथ उन्हें अपनी एकजुटता दिखाकर मजबूर कर देना है कि शिक्षा व्यवस्था में बिना सुधार किए बिना हम चैन से नहीं बैठेंगे. इसके लिए हमने आक्रोश दिखाओ शिक्षा बचाओ रैली का आयोजन किया है.

बिहार सरकार पर केंद्रीय मंत्री ने प्रहार करते हुए कहा कि जनवरी से फरवरी माह के बीच सरकारी स्कूल में बच्चे अपना नामांकन कराते हैं और उन्हें बिहार सरकार अक्टूबर में किताब पढ़ने के लिए उपलब्ध कराती है और स्कूल में परीक्षा दिसंबर माह में लिया जाता है कैसे शिक्षा में सुधार होगी. यह तभी सुधार हो सकता है जब तक हम बिहार सरकार को अपनी एकजुटता को दिखाकर उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लागू करने के लिए मजबूर ना कर दें.

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