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बेगूसराय : जिले में मंडराया बाढ़ का खतरा, बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से हुआ ऊपर

बेगूसराय जिले में बूढ़ी गण्डक नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. चढ़ते जुलाई माह के साथ ही बूढ़ी गंडक में जलस्तर में वृद्धि अपने चरम पर है. लगातार कई दिनों से तीव्र गति से बढ़ रही बूढ़ी गंडक नदी का पानी बाएं तटबंध तक पहुंच चुका है. जिससे जिले में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.

तटबन्ध तक पानी और नदी का धार दोनों मिलकर एक हो गया है. चारो ओर पानी ही पानी का नजारा दिख रहा है. विगत शुक्रवार की शाम नदी का जलस्तर बेगूसराय बाढ़ डीविजन में सिवरी पुल मीटर गेज में खतरे का निशान 40.67 को पार गया. वहीं शनिवार को जलस्तर 40.94 रीड किया गया जो कि रविवार खतरे की निशान से एक मीटर तैतीस सेमी ऊपर चढ़कर जलस्तर 41.34 पर पहुंच चुका है. रोसड़ा डीविजन में तो नदी का जलस्तर विगत पन्द्रह दिनों से खतरे की निशान 42.63 के पार बह रहा है. रविवार की सुबह रोसड़ा रेलवे पुल मीटर गेज में जलस्तर खतरे की निशान से 03.37 मीटर ऊपर चढ़कर 45.26 पर पहुंच गया है. नदी अपने रौद्र रूप से जिलेवासियों को अब डराने लगी है. नदी के अगल बगल बसे हुए गांव के लोगों में नदी का रूप देखकर भय व्याप्त हो गया है.

वहीं जिले में बूढ़ी गण्डक नदी की पानी दाएं और बाएं दोनों तटबन्धों को छू चुका है. यह नदी जिला में तेघड़ा, मंझौल, सदर, बखरी और बलिया अनुमंडल क्षेत्र के बीचोबीच गुजरती है. सभी जगहों पर दियारा में लगी सभी फसलें डूब गई है. किसानों के समक्ष हरा चारा और पशुचारा की किल्लत हो गई है. नदी की मुख्यधारा में पानी काफी तेज रफ्तार से बह रहा है. नदी के तटीय क्षेत्र में बसे गांव के लोग तटबन्ध पर पहुंचकर पानी को देखने लगे हैं.

हालांकि, बाढ़ विभाग के अभियंता और संवेदक तटबन्ध की निगरानी में लगे हुए है. पानी तटबन्ध के छुने के बाद कामगार लगातार तटबन्ध पर मिट्टी की बोरा लेकर घूम रहे हैं. मंझौल अनुमंडल मुख्यालय में पिछले साल जिन जगहों पर खतरा उतपन्न हुई. वहां विभाग के द्वारा बैग पिचिंग का काम पहले ही पूरा किया गया है. बहरहाल, विभागीय स्तर से लगातार निगरानी का दावा किया जा रहा है. (पिंकल कुमार की रिपोर्ट).

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