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बेगूसराय : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाज सुधार कार्यक्रम को किया संबोधित

बेगूसराय में शनिवार को समाज सुधार कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जीविका समूह प्रोत्साहन, अंतर्जातीय विवाह योजना, सड़क दुघर्टना योजना आदि के लाभुकों को चेक के माध्यम से राशि प्रदान किया.

इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने को लेकर हरसंभव उपाय किए जा रहे हैं. इसको लेकर जागरूकता अभियान चलाने के साथ सतत जीवकोपार्जन योजना से पारिवारिक आय बढ़ाने के उपाय किए जा रहे हैं. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि बिहार में शराबबंदी लागू रहेगा और दारू पीकर मरने वालों को कोई मुआवजा/सहायता राशि नहीं दी जाएगी. जबकि कोरोना से मरने वालों को चार लाख रुपये की सहायता राशि दी जाती रहेगी. वे शनिवार को बेगूसराय के आईटीआई मैदान में आयोजित राज्य में पूर्ण नशा मुक्ति, दहेज प्रथा उन्मूलन अभियान व जीविका दीदी के साथ संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. नीतीश कुमार का भाषण आज एक शिक्षक के व्याख्यान की तरह था. हालांकि उन्होंने बीच-बीच में शराबबंदी को लेकर अनाप-शनाप बोलने वाले पर बिना नाम लिए तंज भी कसा. नीतीश कुमार ने याद दिलाया कि आजादी की लड़ाई के दौरान महात्मा गांधी ने कहा था कि शराब न सिर्फ पैसा बल्कि बुध्दि भी हर लेता है. शराब पीने वाला हैवान हो जाता है. उन्होंने WHO के रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि दुनिया में हर साल 30 लाख लोगों की मौत शराब पीने से होती है. उन्होंने कहा कि शराब कोरोना से भी घातक है. कोरोना 2019 में सामने आया. बीते चार साल में पूरी दुनिया में कोरोना से 24 लाख लोगों की मौत हुई जो शराब पीने से हुई मौत से कम है. उन्होंने बताया कि शराब पीने से दो सौ तरह की बीमारियां होती है. शराब पीकर आप खुद और देश का भी नुकसान कर रहे हैं.

उन्होंने जीविका दीदी को याद दिलाया कि आपकी मांग पर ही हमने 1 अप्रैल 2016 से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लागू किया था, लेकिन महिलाओं ने पटना के शराब दुकानों पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर बंद कराया तो हमने 5 अप्रैल 16 से ही संपूर्ण शराबबंदी बिहार में लागू कर दिया. उन्होंने बताया कि शराबबंदी के बाद बिहार के एक करोड़ 64 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने लड़कियों की शिक्षा में बढ़ावा देने को लेकर पोषाक व साइकिल योजना चलाया. इसका परिणाम यह देखने को मिल रहा है कि मैट्रिक परीक्षा में लड़के से अधिक लड़कियां शामिल हो रही. उन्होंने कहा महिलाओं को सम्मान दिलाने के लिए पंचायत व निकाय चुनाव में भी 50 फीसदी आरक्षण देने का काम किया. उन्होंने कहा कि बाल विवाह व दहेज प्रथा उन्मूलन निहायत ज़रूरी है. यह सिर्फ कानून से खत्म नहीं होगा. समाज के लोगों को भी इसको लेकर आगे आना होगा. उन्होंने कहा कि लड़कियों को पढ़ाने में भी उतना ही खर्च आता है जितना लड़कों की पढ़ाई पर, फिर दहेज क्यों ? मुख्यमंत्री ने मुंगेर घाट पुल का नाम प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह के नाम पर करने व इससे होने वाली लाभ की चर्चा करते हुए राजेंद्र पुल सिमरिया के बगल में गंगा नदी पर सिक्स लेन पुल देने के लिए केंद्र सरकार की तारीफ की परंतु नरेंद्र मोदी का नाम नहीं लिया.

इससे पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीविका दीदी से शराबबंदी, दहेज प्रथा उन्मूलन व बाल विवाह रोकने में आती बाधा व उससे कैसे लड़ी गई लड़ाई के बारे में विस्तार से सुना. वहीं समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी व मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार के अलावा मुख्य सचिव अमीर सुभानी, डीजीपी एसके सिंघल, प्रधान सचिव समाज कल्याण दीपक कुमार, राजस्व व भूमि सुधार के प्रधान सचिव विवेक कुमार, उत्पाद व मद्य निषेध के सचिव सिध्दार्थ आदि संबोधित किया.

मंचसीन प्रमुख नेताओं में थे शामिल :

विधान पार्षद सर्वेश कुमार, विधायकों में राजकुमार सिंह, सुरेंद्र मेहता, सूर्यकांत पासवान, पन्ना लाल पटेल, संजय कुमार, पूर्व विधायकों में पूनम देवी यादव, श्रीकृष्ण सिंह, पूर्व विधान पार्षद में रजनीश कुमार, भूमिपाल राय, दिलीप कुमार चौधरी, जिला अध्यक्ष सह पूर्व एमएलसी रूदल राय, खगड़िया के जदयू जिलाध्यक्ष बबलू मंडल, बेगूसराय भाजपा जिलाध्यक्ष राजकिशोर सिंह सहित कई नेता व पदाधिकारी मौजूद थे. डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया. मंच पर बेगूसराय के एसपी योगेन्द्र कुमार, खगड़िया के डीएम आलोक रंजन घोष व एसपी अमितेश कुमार भी मंचासीन रहे. (पिंकल कुमार की रिपोर्ट).

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