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चाईबासा : सिंहभूम सीट पर कांग्रेस व भाजपा के प्रदेश अध्यक्षों की प्रतिष्ठा दाव पर

संतोष वर्मा

चाईबासा लोकसभा चुनाव के नामंकन की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है वैसे वैसे पार्टी प्रत्याशियों में चुनाव का सरगर्मी तेज होती जा रही है. कोल्हान के सिंहभूम संसदीय क्षेत्र की सीट पर अपनी अपनी जीत की दावेदारी को पक्की करने के लिए पसीना बहाना शुरू कर दिया गया है. सिंहभूम संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों का मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है.

वैसे यदी पिछले चुनाव की बात पर गौर फरमायेगें तो उस वक्त जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र की विधायक गीता कोड़ा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रही थी फिर भी सब पर भाड़ी थी. यह और बात है कि वर्तमान सांसद लक्षमण गीलूवा वर्ष 2014 का चुनाव जीत गये थे. लेकिन अब वही गीता कोड़ा इस बार कांग्रेस पार्टी के टीकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. वैसे में इस बार क्षेत्र के जनता किस करबट बदलेगी यह अंदाजा लगाना मुश्किल है. लेकिन फासला जो भी 2019 का लोकसभा चुनाव देखने लायक होगा.

इस चुनावी दंगल में दो राष्ट्रीय पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों का अस्तिव दांव पर लगा है. सिंहभूम संसदीय क्षेत्र में भाजपा व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की प्रतिष्ठा दांव पर है जबकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा खुद चुनावी मैदान में है. दूसरी ओर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने सिंहभूम से कांग्रेस से गीता कोड़ा को प्रत्याशी बनाने के लिए अपनी जमशेदपुर सीट को त्याग कर दिया है. अब उनकी प्रतिष्ठा सिंहभूम पर ही है. वहीं डॉ अजय कुमार के त्याग पर गीता कोड़ा का बयान है कि डॉ अजय के त्याग को बेकार नहीं जाने दूंगी, हर हाल में सिंहभूम सीट जीत कर समर्पित करूंगी.

इधर, पूर्व भाजपा विधायक बड़कुंवर गागराई का बयान है कि सिंहभूम से लक्ष्मण गिलुवा की नहीं, भाजपा के हर कार्यकर्ता की प्रतिष्ठा है दांव पर है. नरेंद्र मोदी को दुबारा पीएम बनाने के लिए लक्ष्मण गिलुवा को जीताने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. खैर, जो भी लेकिन सिंहभूम सीट पर चुनाव जीतने का दाव भाजपा व कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों का है. लेकिन सिंहभूम की जनता का फैसला 23 मई को ही देखने को मिलेगा.

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