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सीवान : जिले के छः लोगों के इराक में मारे जाने की खबर से शोक की लहर

अभिषेक श्रीवास्तव

इराक के मोसुल में मारे गए 39 भारतीयों में से 6 लोग बिहार के सीवान जिले के रहने वाले हैं. इस खबर के प्रकाशन के बाद सीवान में मृतकों के घर मातम छा गया है. पिछले छः सालों से अपने प्रियजनों के वापस आने की आस लगाए बैठे परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. जहां आंदर थाना क्षेत्र के सहसराव गांव से संतोष सिंह और विद्याभूषण सिंह के मौत की पुष्टि परिजनों ने कर दी है. वहीं अब मुफस्सिल थाना क्षेत्र के टंडवा, मैरवा, सिसवन, और हरदोपुर से एक एक जन के भी मौत की सूचना आ रही है.

बता दें कि इराक के मोसुल में मारे गए संतोष सिंह और विद्याभूषण बिहार के सीवान के आंदर के सहसराव गांव के रहने वाले थे. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के इराक में अगवा 39 भारतीय नागरिक मारे जाने की पुष्टि के बाद बिहार के सीवान में परिजनों के घरों में खलबली मच गई. आंदर थाना के सहसराव गांव में जैसे ही खबर पहुंची कि 2012 से गायब संतोष और विद्याभूषण की लाश इराक के मोसुल में एक सामूहिक कब्रगाह में मिली तो उनके घरों में मातम पसर गया. विद्याभूषण की पत्नी की आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, जो आखिरी उम्मीद बची थी वो भी आज टूट गई. 30 साल के विद्याभूषण तिवारी के पिता का नाम मकसूदन सिंह हैं. उन्होंने बताया कि उनका बेटा 2011 में इराक में कंट्रक्शन कंपनी में काम के लिए गया था. विद्याभूषण तिवारी के साथ इसी गांव के संतोष सिंह भी काम करने के लिए उनके साथ इराक गए थे. संतोष सिंह अविवाहित थे. इस खबर के बाद संतोष के पिता चंद्र मोहन राय पर दुखों का पहाड़ टूट गया है. ये दोनों 2011 में एजेंट के जरिए काम करने के लिए इराक गए थे. संतोष सिंह के भाई पप्पू सिंह ने बताया कि 12 जून 2012 को बात हुई थी, तब उन्होंने कहा था कि उनकी कंपनी कहीं दूसरी जगह ले जा रही है. फिर 14 जून को फोन आया कि उनकी मौत हो गई. इराक से ही फोन आया था लेकिन ये पता नहीं चल पाया कि किसने फोन किया था.

गौरतलब है कि जून 2014 में इराक के मोसुल शहर में आतंकी संगठन आईएसआईएस ने कम से कम 40 भारतीयों का अपहरण किया था. इनमें से एक व्यक्ति खुद को बांग्लादेश से आया मुस्लिम बता कर बच निकला. बाकी 39 भारतीयों को बदूश ले जा कर मार डाला गया. अगवा भारतीयों को बदूश शहर ले जाए जाने के बारे में जानकारी उस कंपनी से मिली, जहां ये भारतीय काम करते थे. मंगलवार को सुषमा स्वाराज ने बताया कि विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने इराक में भारतीय राजदूत और इराक सरकार के एक अधिकारी के साथ बदूश शहर जा कर जब अगवा भारतीयों की खोज शुरू की. तब वहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि आईएसआईएस आतंकियों ने कुछ शव दफनाए हैं. विदेश मंत्री ने बताया कि ‘डीप पेनिट्रेशन राडारों’ की मदद से पता लगाया गया कि जिस गड्ढे में शवों को दफनाए जाने की बात कही जा रही है. उसमें सचमुच क्या है. रडारों से जांच करने पर पता चला कि गड्ढे में शव हैं. कुल 39 शवों में से छः बिहार के सीवान जिले के बताए जा रहे हैं. इन छः लोगों के मौत की सूचना से पूरा सीवान जिला दहल गया है. लोग सहमे से नजर आ रहे हैं. पूरे जिले में शोक की लहर है.

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