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मोतिहारी : ढाका में श्रम विभाग के धावा दल ने दो बाल श्रमिकों को कराया मुक्त, एफआईआर दर्ज

मोतिहारी/पूर्वी चंपारण || जिले के सिकरहना अनुमंडल मुख्यालय ढाका में श्रम संसाधन विभाग की टीम ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की है. स्थानीय श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी रामप्रकाश के नेतृत्व में ढाका प्रखंड क्षेत्र में विशेष धावा दल के द्वारा विभिन्न प्रतिष्ठानों में सघन जांच अभियान चलाया गया. जांच के क्रम में ढाका प्रखंड के कुल दो प्रतिष्ठानों क्रमशः शालीमार स्वीट्स एवं कोजी स्वीट्स ढाका से एक-एक बाल श्रमिक अर्थात कुल दो बाल श्रमिकों को धावा दल के द्वारा विमुक्त कराया गया.

इस दौरान श्रम अधीक्षक सत्य प्रकाश द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि यह अभियान पूर्वी चंपारण जिले में लगातार क्रियाशील रहेगा. श्रम अधीक्षक ने बताया कि बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के तहत सभी नियोजकों के विरूद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है. जबकि सभी विमुक्त बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति, पूर्वी चंपारण, मोतिहारी के समक्ष उपस्थापित कर उन्हें बाल गृह में रखा गया है.

प्रतिष्ठानों में बच्चों से कार्य कराना गैरकानूनी

श्रम अधीक्षक सत्य प्रकाश द्वारा बताया कि 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम प्रतिषेध एवं विनियमन के अंतर्गत गैर कानूनी है. बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के अतर्गत बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को 20 हजार रूपये से 50 हजार रूपये तक का जुर्माना और दो वर्षों तक का कारावास का प्रावधान है. इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के आलोक में सभी नियोजकों से 20 हजार रू प्रति बाल श्रमिक की दर से राशि की वसूली भी की जाएगी.

विशेष धावा दल में ये सभी पदाधिकारी रहे शामिल

विशेष धावा दल में ढाका के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी रामप्रकाश के अलावा सुगौली के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी दिवाकर प्रसाद, कल्याणपुर के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी सरफराज अहमद खान, मेस्सी के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी रविरंजन कुमार, केसरिया के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार, प्रयास संस्था से विजय कुमार शर्मा एवं ढाका थाना के पुलिस कर्मी एवं एंटी ह्यूमन टै्रफिकिंग यूनिट की टीम के सदस्य शामिल थे. (मधुरेश प्रियदर्शी की रिपोर्ट).

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