फ़िल्मी अंदाज में हथकड़ियों में जकड़े आशिक ने जेल से निकल माशूका की मांग में भरा सिंदूर
अभिषेक श्रीवास्तव
सीवान में इश्क, मोहब्बत और प्यार पर आधारित फ़िल्मी कहानी जैसी एक रियल स्टोरी सामने आई है. घटना बड़हरिया थाना क्षेत्र के झखाड़ी हाता गाँव की है. जहाँ एक लड़के और लड़की में इश्क हुआ. लेकिन लड़की के घर वालो ने लड़के को जेल भिजवा दिया. वहीं लड़के के प्यार में डूबी बेटी की हालत को देख आखिरकार उसके घर वाले घुटने टेक दिए और फिर लड़के ने जेल से हथकड़ियों में आकर सबके सामने अपनी माशूका की मांग में सिंदूर भरा.
बताया जाता है कि बड़हरिया थाना क्षेत्र के झखाड़ी हाता गाँव में गाँव के ही सिराजुल हक़ और नुसरत शमीम के बीच स्स्कुली शिक्षा के दौरान से ही प्रेम प्रसंग था. स्कूली पढ़ाई करने के बाद दोनों का प्रेम परवान चढ़ने लगा और दोनों गाँव की खेतो, खलिहानों और बगीचों में एक साथ अक्सर देखे जाने लगे. जिसके बाद इसकी जानकारी दोनों के घरवालो को भी हुयी. नुसरत शमीम के घरवालो ने ने उसे सिराजुल से मिलने पर पाबंदी लगा दिया. लेकिन वह सिराजुल की मुहब्बत में इस कदर दिवानी हो चुकी थी कि पिछले वर्ष जुलाई माह में वह सिराजुल हक़ के साथ अपने घर से फरार हो गयी. वहीं उसकी मां ने बड़हरिया थाना में सिराजुल हक़ के खिलाफ अपनी बेटी के अपहरण का केस दर्ज करा दिया. जिसमे कारवाई करते हुए पुलिस ने दोनों को बरामद कर लिया और नुसरत शमीम को उसके घर व सिराजुल हक़ को जेल भेज दिया. पुलिस और परिवार वालो के दबाव में घर पहुंची नुसरत अपने घर वालो से बेगानी सी हरकत करने लगी और हमेशा अपने आशिक की मुहब्बत में ही खोयी रहने लगी.
अपनी बेटी की हालात को देख नुसरत के घर वाले उसकी मुहब्बत के आगे झुक गयें. जिसके बाद दोनों परिवार वालो को लेकर पंचायत बैठी और दोनों ने सुलह करते हुए कोर्ट में सुलहनामे और सिराजुल की नुसरत से शादी कराने की अर्जी दी. जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सिराजुल को निकाह के लिए जेल से मैरेज रजिस्ट्रार के ऑफिस जाने की अनुमति दे दी. जिसके बाद मंगलवार को हाथों में हथकड़ी पहने पुलिस की अभिरक्षा में सिराजुल सीवान मंडलकारा से निकल बड़हरिया निबंधन कार्यालय पहुंचा. जहाँ पहले से उसकी राह देख रही नुसरत शमीम और उसके घरवालो ने उसका स्वागत किया. फिर रजिस्ट्रार के समक्ष कागजी खानापूर्ति कर सिराजुल और नुसरत हमेश के लिए एक हो गयें. विवाह के बाद सिराजुल फिर से सीवान मंडलकारा में लाकर बंद कर दिया गया. कोर्ट की अगली तिथि में सुलहनामे पर बहस के बाद सिराजुल अपने घर आ सकेगा.
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