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नालंदा : राजस्थान मिलिट्री स्कूल में फंसे हैं जिले के 13 बच्चे, वापसी के लिए परिजन लगा रहें गुहार

नालंदा में जिले के 13 परिवारों के बच्चे राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल धौलपुर राजस्थान में फंसे हैं. उनके परिजनों का यहां रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है. बच्चों की वापसी के लिए उनके अभिभावक कई बार डीएम योगेन्द्र सिंह से गुहार लगा चुके हैं लेकिन प्रशासनिक स्तर पर इस ओर कोई कार्रवाई नही की गई है.

बता दें कि प्रशासन से मदद नहीं मिलने पर परिजन हर उस दर पर दस्तक दे रहे हैं, जहां से उन्हें कुछ मदद मिलने की उम्मीद दिख रही है. बावजूद, कुछ भी हासिल होता नहीं दिख रहा है. सरकार भी उन्हें लाने पर अब तक विचार नहीं कर रही है. हालांकि, स्कूल के प्रिंसिपल ने सरकार के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर बच्चों को ले जाने का आग्रह कर रहे हैं. प्रिंसिपल द्वारा जारी किए गए पत्र में बिहार के कुल 32 लोग फंसे हुए हैं, उन में से अकेले 13 नालंदा के हैं. अभिभावक संजीव कुमार, संतोष कुमार, सरीता कुमारी, संजय कुमार, सुधीर रजक, मनोज चौधरी, चौधरी दीपक व अन्य लोगों ने बताया कि हमलोग डीएम को ऑनलाइन के साथ ही (ऑफ लाइन) काउंटर पर भी आवेदन दे चुके हैं. आवेदन दिए 10 दिन से अधिक का समय बीत चुका है. लेकिन, आज तक किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हुई है.

अभिभावकों ने बताया कि वार्षिक परीक्षा के बाद 21 मार्च को पूरे भारत में लॉकडाउन कर दिया गया. लॉकडाउन का आदेश आते ही स्कूल के प्रबंधन ने सभी क्लास बंद कर दिया. इसके साथ ही अभिभावकों को संदेश भेजा कि वे अपने बच्चों को ले जाएं, तब से लेकर अब तक दिन फरियाद तो रातें गिड़गिड़ाते हुए गुजर रही हैं. बिहारशरीफ के खंदक पर निवासी संजय कुमार ने बताया कि वे अपने पूत्र आदित्य राज का नामांकन पिछले वर्ष छट्ठी क्लास में करवाया था. परीक्षा का रिजल्ट आने वाला था कि उससे पहले कोरोना आ गया. अब अपने बेटे को लाने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं. जहां जरा सी उम्मीद दिखती हैं, वहां पहुंच जाते हैं. जिले के कोई ऐसे वरीय अधिकारी या जन प्रतिनिधि नहीं, जिनके फोन की घंटी नहीं बजाई है. लेकिन, अब तक नतीजा ढाक के तीन पात ही सामने आए हैं. (प्रणय राज की रिपोर्ट)

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