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गोपालगंज : इराक में फंसे 30 भारतीयों की वतन वापसी के लिए डीएम ने गृह और विदेश मंत्रालय को लिखा पत्र

सुशील श्रीवास्तव

इराक में गोपालगंज के दो युवकों के साथ साथ सीवान, गोरखपुर और पंजाब के कुल 30 युवकों को बंधक बनाकर रखे जाने के मामले को गोपलगंज डीएम अनिमेष कुमार पराशर ने गंभीरता से लेते हुए पीड़ित की पूरी जानकारी गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को भेजी है. वहीं पीड़ित परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

बता दें कि बरौली के सुरवल गाँव के रहने वाले परमेश्वर साह इन दिनों इराक में बंधक है. उनके साथ गोपालगंज का वीरेंद्र गुप्ता भी शामिल है. जो इराक में बंधक बना हुआ है. परमेश्वर साह की पीड़ित माँ सरस्वती देवी ने बताया की उनका बेटा इराक में जाकर फंस गया है. उसके बंधक बनाने की सुचना मिलते ही घर में परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. सरकार और प्रशासन उनके बेटे को घर वापस बुला ले. वे भीख मांगकर अपने बेटे की जीविका चला लेंगी. लेकिन कभी दोबारा विदेश में काम करने के लिए नही भेजेंगी. परमेश्वर साह की पत्नी जानकी देवी के मुताबिक उनके पति को इराक में बंधक बनाकर फंसा दिया गया है. पति से उनकी 8 दिनों से बात नहीं हो पायी है. जिसकी वजह से घर के सभी सदस्य एक सप्ताह से खाना भी नहीं खा रहे है. उनके पति को काला पानी की सजा दे दी गयी है. परमेश्वर के बड़े भाई राजेश्वर साह के मुताबिक पिपराही गाँव के रहने वाले मुखिया पति श्रीराम साह ने डेढ़ लाख में उनके भाई को मस्कट में भेजने का सौदा किया था. लेकिन पैसे की लालच में उनके भाई को इराक में भेज दिया गया है. उनके भाई को जहां रखा गया है वहां हर तरह गोला बारूद, मोर्टार और कारतूस का ढेर बिखरा हुआ है. ऐसा लग रहा है की उनके भाई को आईएसआईएस के गढ़ में रखा गया है.

वहीं इस मामले में जब आरोपी श्रीराम साह से बात की गयी तो उसने बताया कि सीवान के गुठनी के किसी एजेंट के द्वारा भेजा गया है. उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. उन्होंने किसी को विदेश नहीं भेजा नहीं है.
इस मामले में जब डीएम के ओएसडी डीपी शाही से बात की गयी तो उन्होंने बताया की डीएम के ऑफिसियल  व्हाट्सएप्प पर एक आवेदन मैसेज और फोटोज आया था. जिसे विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के पास भेज दिया गया है. इस मामले में अभी तक पीड़ित परिजनों के द्वारा कोई लिखित आवेदन नहीं दिए गए है. अगर उनके द्वारा कुछ विशेष जानकारी दी जाएगी तो आगे उचित कार्रवाई की जाएगी.

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