पटना : सीएम नीतीश कुमार के समक्ष हुआ पीएमसीएच को अत्याधुनिक अस्पताल के रूप में विकसित करने का प्रेजेंटेशन
अनूप नारायण सिंह
पटना में गुरुवार को 1 अणे मार्ग स्थित “विमर्श” में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष पीएमसीएच को अत्याधुनिक अस्पताल के रुप में विकसित करने के प्रयोजनार्थ प्रस्तुतीकरण दिया गया. प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि वर्तमान में पीएमसीएच की क्षमता 1,750 बेड की है, इसे 5000 बेड की क्षमता वाले अत्याधुनिक अस्पताल के रूप में विकसित करना है.
बता दें कि पीएमसीएच को तीन फेज में बहुमंजिली अत्याधुनिक अस्पताल के रुप में बनाया जाना है. प्रथम फेज में इसकी क्षमता 2,100 बेड की होगी, द्वितीय फेज में 1,600 अतिरिक्त बेड जोड़े जायेंगे एवं तीसरे फेज के अंत तक 1,300 और अतिरिक्त बेड जोड़े जायेंगे. तीसरे फेज के अंत तक पीएमसीएच की कुल क्षमता 5000 बेड की हेागी. प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि पीएमसीएच ग्रीन बिल्डिंग कॉम्पलेक्स होगा. इसके निर्माण में बेस आईसोलेशन टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाएगा. यह 4 स्टार रेटेड कॉम्पलेक्स होगा.
वहीं प्रस्तुतीकरण के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि आईडिया अच्छा है. आपने जो प्रस्तुतीकरण दिया है, उसमें कुछ सुधार करने की जरुरत है. मेरा सुझाव है कि पीएमसीएच में आवासीय परिक्षेत्र एक जगह पर ही बनाने की जरुरत है, जिसमें पारा मेडिकल स्टॉफ, नर्सिंग स्टॉफ, डॉक्टर इत्यादि के रहने की व्यवस्था हो. हॉस्पीटल और आवासीय क्षेत्र के अलग-अलग होने से मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी. आवासीय परिक्षेत्र के लिए साउंड प्रुफ तकनीक का प्रयोग हो ताकि किसी भी तरह के शोरगुल से बचा जा सके और मरीजों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो. उन्होंने कहा कि पीएमसीएच का बिल्डिंग भूकंपरोधी एवं फायर प्रुफ बनना चाहिए. बिल्डिंग बनने के बाद उसका रख-रखाव एक महत्वपूर्ण मुद्दा होता है, इस पर भी पूरा ध्यान रखा जाए. यह एक आईकॉनिक बिल्डिंग होगा, अतः इसके निर्माण कंपनी को अपनी विशेष जिम्मेवारी को समझना होगा.
प्रस्तुतीकरण के क्रम में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि पीएमसीएच के भवन में फैंसी चीजों का उपयोग करने की जरुरत नहीं है. पीएमसीएच में लगाये जाने वाले साइनेज पर विषेष ध्यान दिया जाय. साइनेज में अंकित चित्रों एवं शब्दों के फाउंट का बेहतर ढंग से प्रयोग हो ताकि यहां आने वाले लोगों को उचित जगह तक पहुंचने में सहुलियत हो बिल्डिंग से संबंधित सभी जरुरी चीजों का एक डॉक्यूमेंटेशन तैयार किया जाय ताकि बाद में इसके रखरखाव तथा भवन निर्माण की जानकारी के संबंध में किसी भी तरह की असुविधा न हो.
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा व विशेष सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय अनुपम कुमार सहित स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारी एवं चिकित्सक उपस्थित थे.
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