Abhi Bharat

चाईबासा : टेलर का बेटा बना असिस्टेंट प्रोफेसर, प्रथम प्रयास में हीं किया नेट क्वालीफाई

कहते है दिल में उमंग हो, कुछ पाने का जज्बा हो और मंजिल पाने का जुनून हो तो पहाड़ भी रास्ता दे देते है. चाईबासा में ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है, जहां गरीब परिवार में जन्मे एक युवा ने न सिर्फ अपने स्तर से अपनी पढ़ाई पूरी की बल्कि घर गृहस्थी की सारी जिम्मेवारी को निभाते हुए अपनी बीमार मां का उपचार का भार भी उठाया. घर से दूर जोड़ा खदानी क्षेत्र में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी कर असिस्टेंट प्रोफेसर का रुतबा प्राप्त किया.

ये उपलब्धि प्राप्त करने वाला दानिश अख्तर चंपुआ मौलाना गौड़ा निवासी है. गरीब परिवार में जन्मे दानिश के पिता सईद अख्तर पेशे से टेलर है. दानिश ने अपनी पढ़ाई चंपुआ महताब हाई स्कूल से पूरी किया. मैट्रिक में स्कूल से सेकंड टॉपर का खिताब प्राप्त किया. इंटर विज्ञान की पढ़ाई चंपुआ चंद्र शेखर कॉलेज से की. इसके बाद सीएस कॉलेज चंपुआ से एजुकेशन पर ओनर्स कर स्नातक की डिग्री पूरी करने के बाद माली हालत खराब होने के कारण जोड़ा सेराजुद्दीन कंपनी में जॉब करने लगा. पर, उसके पढ़ने की ललक में कमी नही आई. पहले आंध्र प्रदेश से बीएड की डिग्री प्राप्त की, उसके बाद इग्नू से एजुकेशन पर पीजी किया. इस बीच उसकी मां का उपचार जमशेदपुर से चलता रहा. महंगे इलाज, खराब माली हालत और अपनी व्यस्तता के बावजूद पढ़ाई जारी रखा और यूजीसी द्वारा आयोजित नेट परीक्षा 2023अपने पहले ही प्रयास मे सफल होकर असिस्टेंट प्रोफेसर की उपाधि प्राप्त की.

दानिश अपने गांव से पहला नेट क्वालीफायर बना है. इस संदर्भ में दानिश ने कहा कि जॉब करते हुए पढ़ाई कंटिन्यू रखना आसान नहीं था. पढ़ाई और क्लासेज पूर्ण होने के बाद समय के साथ ये और भी टफ हो जाता है. पर, मेरे माता-पिता और मेरी पत्नी ने मेरा हौसला बढ़ाया और आगे बढ़ने को प्रेरित किया. आज उनके विश्वास का फल है जो मैने पाया है. नेट की तैयारी करने वाले छात्र लक्ष को साध कर नियमित तैयारी करें. फंडामेंटल क्लियर रखने के साथ सब्जेक्ट की गहराई तक जाए, सफलता अवश्य आपके कदम चूमेगी. (संतोष वर्मा की रिपोर्ट).

You might also like

Comments are closed.