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पटना : कोरोना काल में सामान्य मरीजों की सुविधा के लिए जिले में रखें जाएंगे किराये के अतिरिक्त निजी एम्बुलेंस, राज्य स्वास्थ समिति के कार्यपालक निदेशक ने दिया निर्देश

बिहार में कोरोना काल में उत्पन्न परिस्थिति में ज्यादातर एम्बुलेंस का उपयोग कोविड-19 के मरीजों के लिए किया जा रहा है, जिससे आम मरीजों को स्वास्थ्य संस्थानों में आने जाने में के लिए एम्बुलेंस की सेवा प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए इसको लेकर राज्य स्वास्थ समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारी एवं सिविल सर्जनों को पत्र भेजकर कर इसे सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है. अगले दो माह तक जिले में निजी एम्बुलेंस रख सकते हैं, ताकि मरीजों को ससमय ऐंम्बुलेंस सेवा उपलब्ध हो सके एवं समय पर अस्पताल पहुंचने में कोई परेशानी नहीं हो. कोरोना माहमारी के इस दौर भी सरकार को लोगों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ सेवा सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर पूरी तरह सजग एवं प्रतिबद्ध है एवं लोगों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसके लिए हर संभव प्रयास भी कर रही है.

मरीजों की परेशानियां दूर करने के लिए लिया गया यह निर्णय :

पत्र में यह भी कहा गया है कि कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों में ऐंम्बुलेंस का उपयोग कोविड-19 के मरीजों के लिए बड़े पैमाने पर किया जा रहा है, जिसके कारण आम मरीजों को स्वास्थ संस्थानों में आने-जाने के लिए 102 एम्बुलेंस सेवा प्राप्त करने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों के इन्हीं परेशानियों को देखते हुए जिलों में किराये के एम्बुलेंस उपलब्ध कराये जायेंगे.

किराये के एम्बुलेंस के दर हुए तय :

पत्र में बताया गया है कि किराये पर रखने एम्बुलेंस के लिए कोई निर्धारित दर नहीं रहने के कारण जिलों में निजी स्तर से ऐंम्बुलेंस रखने में कठिनाइयां होने की सूचना प्राप्त हो रही है. जिसे निदेशक प्रमुख की अध्यक्षता में बैठक दुर करते हुए भाड़े का निर्धारित की गई. पत्र में अलग-अलग वाहनों का अलग दर निर्धारित की गई है.

दो माह तक रखें जाएंगे किराये के निजी ऐंम्बुलेंस :

भाड़े रखे जाने वाली ऐंम्बुलेंस अगले दो माह तक के लिए रखें जाएंगे, जो मरीजों को आवश्यकता अनुसार सुविधा उपलब्ध करायेगें. एम्बुलेंस में दवा कंज्यूमेबल एवं उपकरण,बीएलएसए के लिए 102 ऐंम्बुलेंस के अनुबंध में अंतर्निहित एनेक्सर ए एवं बी के अनुसार रखें जाएंगे. (सेंट्रल डेस्क).

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