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OMG : आरा सिविल कोर्ट में एक ऐसा बल्ब जिसकी उम्र है इंसानों से भी लंबी

मनीष कुमार सिंह

आइए अब आपको बताते हैं एक ऐसे बल्ब के बारे में जिसकी उम्र इंसानों से भी लंबी हो चुकी है. इंसान क्या इंसान की कई पीढियां गुजर गई लेकिन आज भी ये बल्ब अपनी रोशनी से अपने वजुद का एहसास करा रहा है. बड़ी बात ये है की तकरीबन सवा सौ सालों से इस बल्ब में कोई तकनीकी खामी नही आई.

हम बात कर रहे हैं आरा सिविल कोर्ट परिसर के रिकार्ड रुम में सालों से जल रहे उस बल्ब की जिसे अंग्रेजों के जमाने में रिकार्ड रुम में लगाया गया था.तब से लेकर आज तक ये बल्ब बिना फ्यूज हुए रिकार्ड रुम को रोशन कर रहा है. सालों से जल रहे इस बल्ब की कहानी सुनकर पुरातत्व विभाग की टीम भी इसकी पड़ताल करने पहुँची थी. हालांकी टीम ने इससे संबंधित कोई रिपोर्ट अबतक जारी नही की लेकिन पुरातत्व विभाग की टीम भी इसे देखकर हैरान रह गई थी. ब्रिटिश जमाने में बने इस ऐतिहासिक बल्ब की रोशनी में आरा सिविल कोर्ट में काम कर रहे वकीलों की कई पीढियां यहाँ मौजुद पुराने अभिलेखों को अपने कैरियर का आधार मानकर काम करती रही. जजों ने भी कई अहम फैसले उन अभिलेखों को पढकर सुनाए जिनकी तलाश इसी पुराने बल्ब की रोशनी में की जा सकी. यही कारण है की अब आरा सिविल कोर्ट में काम कर रहे जजों और वकीलों की वर्तमान पीढियों का भी इस बल्ब से आकर्षण कम नही हुआ.

रोचक बात ये है कि इस ऐतिहासिक बल्ब के सौ वर्ष पूरे होने पर वर्ष 1989 में शताब्दी समारोह का आयोजन भी किया गया था. सालों से रोशनी दे रहे इस बल्ब को आरा सिविल कोर्ट के वकील और कर्मचारी इसे ऐतिहासिक धरोहर मान इसको को सुरक्षित रखना चाहते हैं जिसको लेकर सुरक्षा के लिहाज से इस बल्ब को जरुरत के अनुसार ही जलाया जाता है. खासकर बाहर से आए अतिथि न्यायाधीशों के स्वागत में इस बल्ब को जरुर जलाया जाता है.

जानकारी के मुताबिक बल्ब के भीतर लैटिन लिपि में कुछ लिखा गया है जो बल्ब की कंपनी का नाम मालूम पड़ता है. वहीं इस ऐतिहासिक बल्ब की सुरक्षा के लिए जो इंतजाम यहाँ होने चाहिए वे नाकाफी जान पड़ते हैं. हालांकि सालों से रोशनी दे रहा ये बल्ब फ्यूज ना हो जाए इसके लिए रिकार्ड रुम के कर्मचारी ज्यादा जरुरत होने पर ही इसे जलाते हैं. वहीं आरा सिविल कोर्ट के वकील भी इस ऐतिहासिक बल्ब की कहानी कहते नही थकते हैं.

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