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सीवान : जन सुराज की सोच को लेकर पहुंचे प्रशांत किशोर, पांच दिनों तक जिले के अलग-अलग गांव और प्रखंड का करेंगे दौरा

सीवान में शनिवार को अपनी जन सुराज यात्रा के अगले पड़ाव पर प्रशांत किशोर पहुंचे, जहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि जन सुराज की सोच को लेकर सीवान में लोगों से संवाद करने आए हैं और अगले पांच दिनों तक जिले के अलग-अलग गांव और प्रखंडों में जाकर गोष्ठियों के माध्यम से लोगों तक जन सुराज की सोच को पहुंचाएंगे और उनके सुझावों और समस्याओं को भी सुनेंगे.

जन सुराज से जुड़ चुके हैं 70 हजार लोग

प्रशांत किशोर ने ये भी बताया कि अबतक बिहार में करीब 70 हजार लोग जन सुराज अभियान से जुड़ चुके हैं और ये संख्या रोज हजारों की तादाद में बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि जन सुराज का मकसद है कि जनता के लिए सुशासन, जिसकी कल्पना महात्मा गांधी ने की थी. बिहार की मौजूदा स्थिति पर बात करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बिहार के लड़के अगर दिल्ली और मुंबई में सब्जी बेच रहे हैं और सफाईकर्मी का काम कर रहे हैं तो ये गौरव की बात नहीं है, गौरव की बात तब होती जब जो सब्जी यहां की मिट्टी पर उगाई जाती और ट्रेन या हवाई जहाज से दिल्ली और मुंबई भेजा जाता.

लालू, नीतीश और कांग्रेस सबको बताया बिहार की बदहाली के लिए जिम्मेदार
प्रशांत किशोर ने बिहार की वर्तमान बदहाली के लिए सबको जिम्मेदार बताते हुए कहा कि 60 के दशक के बाद से ही बिहार देश के अन्य राज्यों के मुकाबले पिछड़ता चला गया. उन्होंने कहा कि मैं इस बात को मानता हूं कि लालू जी के समय सामाजिक न्याय के क्षेत्र कुछ काम हुआ होगा और नीतीश जी के समय आर्थिक विकास के क्षेत्र में भी भी थोड़ा बहुत काम हुआ है, लेकिन बिहार आज भी विकास के लगभग मापदंडों पर देश के सबसे पिछड़े राज्यों में शामिल है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अगर बिहार को अग्रणी राज्यों की श्रेणी में खड़ा करना है तो सही लोगों को सही सोच के साथ आगे आना होगा और सामूहिक प्रयास करना होगा.

पदयात्रा पूरा किए वापस नहीं लौटेंगे पटना या दिल्ली

प्रशांत किशोर ने इस बात पर बल देते हुए श्री किशोर ने कहा 2 अक्तूबर से जब वो पदयात्रा शुरू करेंगे तो उसे बिना पूरा किए वापस पटना या दिल्ली नहीं लौटेंगे. उनका मानना है कि इस पदयात्रा में 12-15 महीने का समय लगेगा. इसके बाद लोगों के साथ बैठकर बिहार की समस्याओं और उसके समाधान का एक ब्लूप्रिंट जारी करेंगे. प्रशांत किशोर ने युवाओं पर जोर देते हुए कहा कि बिहार के युवाओं की राजनीति में दिलचस्पी होती है और मैं उन सबको एक मंच पर लाना चाहता हूं. राजनीतिक दल बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोई जल्दबाजी नहीं है, अभी चुनाव में बहुत समय है, पदयात्रा पूरी होने के बाद अगर ये सहमति बनती है कि एक दल बनाया जाए तो वो भी बनाया जाएगा. उन्होंने ये भी रेखांकित किया कि एक सामान्य व्यक्ति की तरह वो भी उस दल का हिस्सा होंगे, वो दल प्रशांत किशोर का नहीं होगा.

मजहरूल हक कॉलेज में हुआ प्रशांत किशोर का स्वागत

इसके पहले सीवान पहुंचने पर मजहरुल हक डिग्री कॉलेज, तरवारा में सैकड़ों की संख्या में युवाओं ने प्रशांत किशोर का फूल माला पहना कर स्वागत किया. सबका अभिवादन स्वीकार करते हुए प्रशांत किशोर ने सबसे बातचीत भी की और बताया कि सीवान आने का क्या प्रयोजन है और लोगों ने भी उनसे अपने हिस्से का सवाल पूछा. (अभिषेक श्रीवास्तव की रिपोर्ट).

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