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सहरसा : सिविल सर्जन ने किया सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा और कृमि मुक्ति अभियान का उद्घाटन

सहरसा में बुधवार को सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा और कृमि मुक्ति अभियान की शुरुआत हो आज की गई जिसका उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ अवधेश कुमार ने किया.

उद्घाटन के मौके पर सिविल सर्जन डॉ सिंह ने कहा कि इस पखवाड़े के संचालन से बच्चों और किशारों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए किया गया हैं. यह पखवाड़ा 16 सितंबर यानि आज से 29 सितंबर तक चलेगा, साथ ही उन्होंने बताया कि सघन दस्त नियंत्रण पखवारा एवं राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के सफल संचालन हेतु जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य में जिंक कॉर्नर की स्थापना की गई है. साथ ही सिविल सर्जन डाक्टर अवधेश कुमार ने बताया कि पेट में कीड़े के संक्रमण का समाप्त करने के लिए वर्ष में दो बार एक वर्ष से 19 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों को एल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाती है. गोली को अच्छी तरीके से चबाकर खाना होता है. वहीं सिविल सर्जन ने अपने हाथों से बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोलियां भी वितरित की.

मौके पर सिविल सर्जन डॉ अवधेश कुमार के अलावें जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ कुमार विवेकानंद सदर एसडीओ शंभूनाथ झा, अधीक्षक सदर अस्पताल एसपी विश्वास, डीसीएम राहुल किशोर, यूनिसेफ के एसएमसी बंटेश नारयण मेहता एवं मजहरूल हसन तथा यूएनडीपी के मोहम्मद खालिद, जिला प्रतिरक्षण कार्यालय के कर्मी दिनेश दिनकर एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे.

कोविड-19 प्रोटोकॉल का किया जाएगा पालन :

सिविल सर्जन डॉ अवधेश कुमार ने बताया कि सभी एएनएम कोविड-19 बीमारी से बचाव हेतु निर्गत सभी दिशा निर्देशों जैसे कि शारीरिक दूरी, मास्क का प्रयोग व्यक्तिगत स्वच्छता आदि का ध्यान रखते हुए सघन दस्त नियंत्रण पखवारा एवं कृमि मुक्ति कार्यक्रम के दौरान अपने क्षेत्र की सभी आशा एवं आशा फैसिलिटेटर को इसके पालन हेतु प्रेरित करेंगी. साथ ही सभी स्वास्थ्य अधिकारी भी इन नियमों का पालन करेंगे. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम हेतु महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए हैं, जिसे आशा के द्वारा सुनिश्चित कराया जाना है.

आशा बच्चों के माता-पिता को डीवार्मिंग के दुष्प्रभावों के बारे करेंगी जागरूक :
आशा के द्वारा एल्बेंडाजोल खिलाने से पहले खांसी बुखार सांस फूलना जैसे लक्षणों की जांच कर ले और लाभार्थियों की कांटेक्ट हिस्ट्री के बारे में भी जाने जब बीमार बच्चे ठीक हो जाएंगे तब उन्हें आशा के द्वारा एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी. आशा बच्चों को जबरदस्ती दवाई ना खिलाए तथा खुली हुई दवाई को आशा न छूएं और बच्चों के अभिवावक के द्वारा चममच से दवा खिलाया जाए. साथ ही आशा बच्चों के माता-पिता को डीवार्मिंग के मामूली दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करेंगी.

एएनएम द्वारा किया जाएगा कार्यक्रम में सहयोग :

सिविल सर्जन अवधेश कुमार ने बताया कि एएनएम कार्यक्रम से पहले की जाने वाली तैयारियों जैसे माइक्रोप्लान गिरी भवन की योजना तैयार करना सामाजिक जागरूकता का कार्यक्रम बनाना आदि की देखरेख करेंगे, वह पाई गई कमियों को समय पर दूर करने में आशा की मदद करेंगी इससे नियमित टीका कार्यक्रम के दिन अथवा टेलीफोन के माध्यम से भी किया जा सकता है. कार्यक्रम के दौरान एएनएम लगातार आशा व आशा फैसिलिटेटर के संपर्क में रहेगी और कार्यक्रम की प्रगति और किसी भी प्रतिकूल घटना की जानकारी लेकर आवश्यक सहयोग प्रदान करेगी. साथ ही आशा घर भ्रमण के समय सभी घरों में पीएचसी, एएनएम और अपना फोन नंबर देना सुनिश्चित करेंगे. ताकि किसी भी दुष्प्रभाव यानी प्रतिकूल घटना के संबंध में सूचना मिल सके. (राजा कुमार की रिपोर्ट).

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