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सीवान : राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव ने नप सभापति व उप-सभापति के विरुद्ध पारित अविश्वास प्रस्ताव को किया निरस्त

अभिषेक श्रीवास्तव

सीवान से बड़ी खबर आ रही है. जहां गत दिनों सीवान नगर परिषद के सभापति और उपसभापति के विरुद्ध लगे अविश्वास प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया है. राज्य निर्वाचन आयोग बिहार के सचिव द्वारा इस अविश्वास प्रस्ताव को गलत और बिहार नगरपालिका अधिनियम के प्रतिकूल बताते हुए निरस्त किया गया है.

बता दें कि कुल 38 वार्डों वाले सीवान नगर परिषद की सभापति सिंधु सिंह और उपसभापति बबलू साह उर्फ बबलू तुरहा के विरुद्ध कुछ वार्ड पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए आवेदन दिया था. जिसके बाद गत 17 अक्टूबर को नगर परिषद में अविश्वास प्रस्ताव की बैठक आयोजित की गई. इस अविश्वास प्रस्ताव की बैठक में कुल 26 वार्ड पार्षद उपस्थित हुए. जिसमें से 10 पार्षदों ने वॉक आउट कर दिया जबकि 16 लोगों ने गुप्त मतदान किया था. जिसके बाद संबंधित अधिकारी द्वारा 15-1 की बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव को पारित कर दिया गया. अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद सीवान जिला पदाधिकारी-सह-जिला निर्वाचन पदाधिकारी (नगर पालिका) द्वारा नगर परिषद के सभापति और उपसभापति के लिए फिर से चुनाव कराने हेतु राज्य निर्वाचन आयोग को पत्रांक 1226-ll दिनांक 01-11-2019 एवं नगर कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद सीवान का पत्रांक 1958 दिनांक 06-11-2019 प्रेषित किया गया था.

वहीं राज्य निर्वाचन आयोग बिहार के सचिव द्वारा जारी पत्र संख्या न0नि0 5012/2019-1985 दिनांक 07 नवंबर 2019 में नगर परिषद के इस अविश्वास प्रस्ताव के बैठक की कार्यवाही को नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 25 (4) में वर्णित प्रावधान के प्रतिकूल बताते हुए अविश्वास प्रस्ताव को पारित नहीं माने जाने की बात कही गई है. पत्र के जारी होने के बाद नगर परिषद सभापति और उपसभापति सहित उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई.

हालांकि सीवान नगर परिषद के सभापति पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए दो वार्ड पार्षदों के अवैध तरीके से त्यागपत्र बनाए जाने, पद पर रहते हुए स्वयं टेंडर लेने एवं निर्धारित समय से पूर्व जमा की गई राशि वापस लेने के साथ-साथ कूड़ा-कचरा के निस्तारण हेतु बड़े पैमाने पर जमीन की खरीदारी कर उसका उपयोग नहीं करने जैसे कई आरोप विरोधी पार्षदों द्वारा लगाए जाने की भी चर्चा है.

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