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चाईबासा : सादगीपूर्ण भक्तिभाव के साथ मना सरहुल, नहीं निकली शोभायात्रा

चाईबासा में गुरुवार को देशभर में कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों के बीच चाईबासा समेत आसपास के क्षेत्रों में प्रकृति पर्व सरहुल सादगीपूर्ण भक्ति भाव के साथ मनाया गया.

बता दें कि गुरुवार की सुबह सभी उरांव अखाड़ा के सरना स्थल (चाला टोंका) में पाहन-पुजारी के नेतृत्व में मां चाला और धर्मेश के साथ सभी अराध्य देवी देवताओं की विधिवत पूजा अर्चना कर देश की सुख-शांति की कामना के साथ और कोरोना महामारी को जड़ से खत्म करने की प्रार्थना की गयी. इसके बाद गांव घर उपासक महिला पुरुषो ने एक-एक कर पूजा-अर्चना कर नव पुष्प सखुवा और फल अर्पित किया. इस दौरान ज्यादा भीड़ न हो इस पर मुखिया सक्रिय रहे. वहीं सरकार तथा प्रशासन के दिशा-निर्देशों का विशेष ध्यान दिया गया. इसके बाद सभी उपासकों ने अपने घरों में भी अपने अराध्य देवी देवताओं की पूजा की और अपने अपने घरों में सरना प्रतीक झंडा स्थापित किया. पूजा के बाद सभी ने एक-दूसरे को अबीर गुलाल लगा कर और सखुवा फूलखोंसी कर सरहुल की शुभकामना दी.

वहीं दूसरे पहर निकलने वाली सरहुल शोभायात्रा भी नहीं निकाली गई. शांति पूर्वक सरहुल आयोजन में सरहुल पूजा समिति के साथ संचू तिर्की, अनिल लकड़ा, डोमा मिंज, भगवान दास तिर्की, मंगल खालखो, लालू कुजूर, गामा बरहा, वीरेंद्र उरांव, विश्वकर्मा टोप्पो, कंदरू टोप्पो एवं धरमा लकड़ा आदि के साथ सभी उरांव अखाड़ा के मुखियाओं की अहम भूमिका रही. (संतोष वर्मा की रिपोर्ट).

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