चाईबासा : रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने जनवरी से सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलने और ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरा लगने की घोषणा की
संतोष वर्मा
चाईबासा के चक्रधरपुर रेल मंडल का दौरा करने आये रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने कहा कि देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन अगले वर्ष जनवरी 2019 से चलाने की योजना है. वे चक्रधरपुर डीआरएम सभागार में निरिक्षण व दौरे का कार्यक्रम संपन्न कर देर शाम मीडिया को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने बताया कि इस वर्ष नवंबर दिसंबर तक पहली आइसीएल रैक तैयार होने की उम्मीद है. इसके बाद पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन का प्रायोगिक परिचालन शुरू कर दिया जाएगा. इसके पश्चात इसकी संख्या बढ़ाई जाएगी. अश्वनी लोहानी ने कहा कि ट्रेनों में कैमरे लगाने की भी प्रक्रिया जारी है. बहुत जल्द कुछ ट्रेनों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कैमरे लगाए जायेंगे. सुरक्षित यात्रा के लिए यह एक अहम कदम माना जा रहा है. जिसपर रेलवे काम कर रही है. उन्होंने बताया कि चक्रधरपुर रेल मंडल में माल ढुलाई की आने वाले समय में और बढ़ेगी, इसकी काफी संभावनाएं, इन्हीं संभावनाओं के मद्देनजर रेलवे भी तैयारी कर रही है. रैक से लेकर ट्रेक की संख्या विस्तार पर काम तेजी से चल रहा है. क्षमता विस्तार व आधुनिकीकरण कार्य की गति बढ़ा दी गई है. पिछले वर्ष 4300 किलोमीटर ट्रैक नवीकरण कार्य किया गया था. इस वर्ष 5000 किलोमीटर का लक्ष्य रखा गया है. वहीं एक हजार किलोमीटर नई लाइन बिछाने का लक्ष्य है. इसी तरह 2000 किलोमीटर लाइन दोहरीकरण करने की योजना है. भारतीय रेल बेहद बड़ा है. हम अमूमन बड़े शहरों के स्टेशन पर तो जाते हैं, लेकिन चक्रधरपुर रेल मंडल जैसे महत्वपूर्ण डिविजन को देखना जानना भविष्य के नीति निर्धारण के लिए जरूरी है. चक्रधरपुर रेल मंडल भारतीय रेल के 56 मंडलों में राजस्व के नजरिए से चौथे नंबर पर है. माल ढुलाई की बात करें तो भारतीय रेल का दस फीसद माल चक्रधरपुर रेल मंडल ढुलाई करता है.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने कहा कि क्षेत्र के दौरे के क्रम में डांगवापोसी में उन्हें ज्ञात हुआ कि रेलकर्मियों की सबसे बड़ी मांग में केन्द्रीय विद्यालय खोले जाने की मांग है. उन्होंने बताया कि अतिशीघ्र इस मांग को वे पूरा कराने का प्रयास करेंगे. ताकि सुदूर क्षेत्रों में कार्य करने वाले रेलकर्मियों के बच्चों को भी अच्छी शिक्षा मिल सके. उन्होंने बताया कि भारतीय रेल में कुल 13 लाख कर्मी कार्य करते हैं, समस्याएं भी रहती हैं. प्रयास रहता है कि इन समस्याओं का समाधान किया जाए. मैंने आज रांची से शुरू कर नोवामुंडी, डांगवापोसी, चाईबासा एवं चक्रधरपुर का दौरा किया व कर्मियों से भी मुलाकात की. भारतीय रेल में सीनियर सेक्शन इंजीनियर के रूप में बी टेक इंजीनियर ग्रुप सी में योगदान देते हैं. पूरे कैरियर में उन्हें कोई प्रमोशन नहीं मिलता, क्या इसपर ध्यान दिया जाएगा. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल सही है. यह समस्या तो है, लेकिन इसका समाधान सहज नहीं है. हम देखते हैं कि इस समस्या का उचित तरीके से किस प्रकार समाधान किया जाए.
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