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नालंदा : अंतिम अगहनी एतवार को हजारों व्रतियों ने दिया अर्घ्य

नालंदा में कार्तिक और चैत माह में छठ महापर्व मनाया जाता है, मगर अगहन माह के रविवार को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु व्रत रखकर भगवान भास्कर की अराधना करते हैं. इसी को लेकर रविवार को बड़गांव छठ घाट पर श्रद्धालुओं ने स्नान कर भगवान भास्कर की पूजा अर्चना कर अर्घ्य प्रदान किया.

बता दें कि अहले सुबह से ही श्रद्धालु स्नान करने के लिए छठ घाट पहुंचने लगे जो दोपहर बाद भी जारी रहा. बड़गांव सूर्यपीठ में अंतिम अगहनी एतवार को हजारों छठव्रति माताओं ने भगवान सूर्य को अर्घ्य दान किया. श्रद्धालु पवित्र सूर्य तालाब में स्नान कर के बाद सूर्य मंदिर तक कष्टी भी दिया. व्रत करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे थे.

श्रद्धालुओं ने बताया कि यहां छठ करने से हर मुराद पूरी होती है. अगहन महीने में धान की नयी फसल के आ जाने से किसानों के साथ गरीब भी इस पर्व को करने में समर्थ होते हैं. पूर्णिमा के रविवार का विशेष महत्व होता है. सूर्य नगरी में चैत एवं कार्तिक माह में लाखों की संख्या में श्रद्धालु छठव्रत करने यहां आते है. अगहन एवं माघ माह के रविवार को भी यहां अर्घ्य दिया जाता है.

व्रत करने से दुखों से होता है निवारण :

बड़गांव धाम के पुजारी बताते हैं कि यह पर्व प्राचीन काल से ही समरसता एवं सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है. पांडवों के वनवास के समय ऋषि धौम्य के आदेश पर द्रोपदी ने विध्नों से छुटकारा पाने के लिए छठव्रत की थी. इस व्रत को सबसे पहले नाग कन्या ने अपने पति च्यवन के दुःखों का निवारण किया था. बड़गांव का छठ मेला सामाजिक सद्भाव का अद्भुत मिसाल है. (प्रणय राज की रिपोर्ट).

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