चाईबासा : प्रस्तावित कचरा निस्तारण प्लांट का विरोध ले रहा विकराल रूप, ग्रामीणों की बैठक में शामिल हुए विधायक
चाईबासा में सदर प्रखंड अंतर्गत पुराना चाईबासा में प्रस्तावित कचरा निस्तारण प्लांट का विरोध अभियान आंदोलन का रुख ले रहा है. प्रस्तावित प्लांट के लिए कृषि विभाग द्वारा नगर विकास विभाग को हस्तांतरित छः एकड़ जमीन रद्द नहीं की गई और 1963 में आदिवासी भूमि को मल्टीप्लिकेशन फार्म बनाने के लिए अधिग्रहित लीज पर ली गई जमीन रैयतों को वापस नहीं किया गया, तो ग्रामीण जनआंदोलन को कमर कस चुके हैं.
इसी क्रम में शनिवार को पुराना चाईबासा में ग्रामीणों के आग्रह पर चाईबासा के माननीय विधायक दीपक बिरुवा बैठक में शामिल हुए. बैठक में ग्रामीणों ने एकमत में कचरा निस्तारण प्लांट का विरोध किया, वहीं जरुरत पड़ने पर न्याय यात्रा निकाल कर धरना प्रदर्शन करने का भी निर्णय लिया. ग्रामीणों ने कहा कि उक्त क्षेत्र में परंपरागत पवड़ि देशावली है. ग्रामीणों ने बताया कि 1963 में सीड मल्टीप्लिकेशन फार्म बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण किया गया था. जबकि रैयतों को यह कहा गया था कि जमीन लीज पर दिया जा रहा है. उक्त जमीन को खेती के लिए रैयतों को लौटाया जाए. साथ ही उपयोगित ज़मीन का लंबित मुआवजा रैयतों को मिलना चाहिए. बैठक में ग्रामीणों ने विधायक जी से कृषि विभाग द्वारा नगर विकास विकास झारखंड को चाईबासा कचरा निस्तारण प्लांट के लिए हस्तांतरित छः एकड़ भूमि को शीघ्र रद्द व खारिज कराने की मांग की. बैठक उपरांत ग्रामीणों ने विधायक को ज्ञापन भी सौंपा.
इस बाबत विधायक दीपक बिरुवा ने कहा कि यह कानूनी लड़ाई मिलकर लड़नी होगी. विधायक ने आदिवासियत, समाज, देशावली, जमीन की रक्षा के लिए सभी आदिवासियों को एकजुट रहने का आह्वान किया. वहीं बैठक का संचालन नरेश देवगम और धन्यवाद ज्ञापन संजय देवगम ने किया. बैठक में में ग्रामीण मुंडा जानुम सिंह देवगम, देवेंद्र देवगम, साधुचरण देवगम, हरिश देवगम, नारायण देवगम, मानकी देवगम, डीबर देवगम, राजेश देवगम, पप्पू देवगम, सरजू देवगम आदि उपस्थित थे. (संतोष वर्मा की रिपोर्ट).
Comments are closed.