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चाईबासा : कुमारडुंगी के साप्ताहिक बाजारों में खुलेआम हो रहा हब्बा-डब्बा एवं मुर्गा लड़ाई का खेल

चाईबासा में पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर के सख्त निर्देश के बाद भी कुमारडुंगी थाना क्षेत्र में हब्बा-डब्बा एवं मुर्ग़ा लड़ाई का खेल जोरों पर चल रहा है. इसपर ना पुलिस प्रशासन की नजर है ना ही कोई जनप्रतिनिधि आवास उठा रहे. बस भोले भाले ग्रामीण दो ईंट 5 का 10, तीन का 15, चार का 20, पांच का 25 कमाने की लालच में अपने मेहनत की कमाई लुटा रहे हैं.

बता दें कि इससे घरेलू क्लेश बढ़ रही है. समाज विरोधी घटनाओं को बढ़ावा मिल रहा है. मना करने पर महिलाओं पर हिंसा बढ़ने लगी है. इस तरह से कुमारडुंगी थाना क्षेत्र में हब्बा-डब्बा व मुर्गा लड़ाई पुरी तरह से फल फुल रही है. यहां प्रत्येक गुरुवार को थाना क्षेत्र से सौ कदम दूर में लगने वाली सप्ताहिक बाजार में प्रत्येक सप्ताह जोरों से हब्बा-डब्बा का खेल खेला जाता आ रहा है. जबकि सामने बाजार से सटकर प्रखंड कार्यालय भी है, पर ना पुलिस और ना ही कोई प्रशासनिक अधिकारी इसपर अंकुश लगा रहे हैं. क्योंकि सबका अपना-अपना हिस्सा तय रहता है. उस रास्ते से गुजरते वक्त अपनी नजरें चुराकर किनारे होकर निकल जाते हैं. जनप्रतिनिधि हब्बा-डब्बा बंद करवाने की बजाए वहां खुद अपनी किस्मत आजमाते नजर आते हैं. यही हाल अंधारी गांव में रविवार को लगने वाली सप्ताहिक बाजार की है. यहां भी प्रत्येक सप्ताह हब्बा डब्बा व मुर्गा लड़ाई का खेल खुलेआम खेला जाता आ रहा है. ऐसा नहीं है कि इसके बारे में किसी भी पुलिस प्रशासन या प्रशासनिक अधिकारी को जानकारी ना हो.

बाजार में लगने वाली हब्बा डब्बा एवं मुर्गा लड़ाई के खेल के बारे मे वरीय प्राधिकारी तक को फोन से जानकारी दी जाती है पर उनके द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही है. इस कारण जुआ माफियाओं का मनोबल बढ़ा हुआ है. जानकारी मिलने पर जुवा माफिया शिकायत कर्ता को धमकाने लगे हैं. इस तरह से अब भी कुमारडुंगी थाना के दोनों बाजार में हब्बा डब्बा एवं मुर्गा लड़ाई का खेल जोरों पर चल रही है. इसी का कारण है कि आए दिन थाना क्षेत्र में समाज विरोधी घटनाएं ज्यादा घट रही है. अगर, समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो इसका परिणाम गंभीर हो सकता है. (संतोष वर्मा की रिपोर्ट).

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