Abhi Bharat

चाईबासा : कोल्हान भूमि बचाओ समिति के बैनर तले रैयतों से कराया गया 72 डिसमिल जमीन कब्जा मुक्त

चाईबासा में कोल्हान भूमि बचाओ समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सावैयां के नेतृत्व में शुक्रवार को टुंगरी स्थित नेवटिया फैक्ट्री की चहारदीवारी के बाहर की रैयती जमीन से अवैध कब्जा हटाया गया.

बता दें कि इस जमीन पर नेवटिया फैक्ट्री प्रबंधन ने मिट्टी-पत्थर गिराकर कब्जा जमाया हुआ था, अब यह फैक्ट्री बंद हो चुकी है. आज इसी फैक्ट्री के बाहर की जमीन से कई टन मिट्टी-पत्थर हटाया गया. इसके बाद उसपर रैयतों ने जमीन मालिक डीबर देवगम को कब्जा दिलाया. इसपर किसी ने आपत्ति नहीं की. इस दौरान विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिये मुफ्फसिल थाने की पुलिस भी मौजूद थी.

वहीं डीबर देवगम ने बताया कि उनकी उनकी 1 एकड़ 44 डिसमिल जमीन में से 72 डिसमिल जमीन फैक्ट्री की चहारदीवारी के बाहर है। जबकि शेष जमीन फैक्ट्री के अंदर है. बाहर की जमीन पर से पत्थर-मिट्टी हटाकर मैने उसे आज फाईनली वापस ले लिया. यह जमीन खतियान में मेरे पिता स्व मोरन सिंह देवगम के नाम से दर्ज है. वर्षों पहले बनवारी लाल नेवटिया ने लीज पर यह जमीन ली थी, फिर बाद में कब्जा ही कर लिया था. जमीन की लीज अवधि खत्म हो चुकी है. चहारदीवारी के बाहर की जमीन तो वापस लड़कर मैने ले ली. लेकिन अंदरवाली जमीन पर अवैध कब्जा बरकरार है। उस जमीन को भी वापस लिया जायेगा. इस जमीन का प्लॉट संख्या 1116, खाता संख्या 54 और रकवा 72 डिसमिल है.

शांतिपूर्वक जमीन वापस ली गयी : विनोद सावैयां

वहीं विनोद कुमार सावैयां ने कहा कि डीबर देवगम को शांतिपूर्वक जमीन पर कब्जा दिलाया गया है. उनकी पुश्तैनी जमीन से अवैध कब्जा हटाया गया. इसपर मिट्टी-पत्थर रखकर कब्जा किया गया था। इसे जेसीबी से हटा दिया गया. बाकी जमीन नेवटिया फैक्ट्री की घेराबंदी के अंदर है, उसे भी कब्जे से मुक्त किया जायेगा. उन्होंने कहा कि जमीन अवैध कब्जे के खिलाफ कोल्हान भूमि बचाओ समिति का आंदोलन चलता रहेगा. चाईबासा के आसपास जमीन अवैध कब्जे की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं जो चिंताजनक है.

इस दौरान समिति के सचिव भगवान देवगम, विधि सलाहकार सुरेश सोय, विजय देवगम, चाहत देवगम, हेलेन देवगम, एलिश बोदरा, सुखलाल सावैयां, संजू करजी, बब्बन करजी, रमेश देवगम, राहुल सोलंकी, रंजन गोप, रोशन सुंडी, सुरेन देवगम, प्रकाश देवगम, डोबरो देवगम समेत बड़ी संख्या ग्रामीण मौजूद थे. (संतोष वर्मा की रिपोर्ट).

You might also like

Comments are closed.