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चाईबासा : चक्रधरपुर रेल मंडल में खड़गपुर रेल मंडल के 500 लैण्ड लूजर को भरने की तैयारी, स्थानीय लोगों में आक्रोश

चाईबासा में चक्रधरपुर रेल मंडल के ब्रांच लाईन में अभियंता विभाग में चुपके से बंगाल के 363 लोगों को नियुक्ति किए जाने लेकर स्थानिय लोगों में आक्रोश है, जबकि दक्षिण पूर्व रेल प्रबंधन की ओर से 500 से अधिक लोगों को चक्रधरपुर रेल मंडल में घुसाने की योजना है.

इधर, स्थानीय लोगों द्वारा कहा जा रहा है कि चक्रधरपुर मंडल प्रबंधक से डॉगवापोसी रेल खण्ड के ग्रामीणों द्वारा करीब 20 वर्षो से मांग किया जा रहा है कि पादापहाड़ के रैयतदारों से यानी लैण्ड लूजरों का जमीन लिया गया है जिसे आज तक ना नौकरी दी गई और ना मुआवजा, तो किस आधार पर बंगाल के लोगों को चक्रधरपुर रेल मंडल में खड़गपुर दिघा रेल खण्ड के रैयतदारों को नौकरी दिया जा रहा है. जबकि इस मामले को लेकर झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा व सांसद गीता कोड़ा द्वारा पादापहाड़ रेल लाईन निर्माण में लिए गए जमीन दाताओं को मुआवजा और नौकरी देने की मांग को लेकर कई बार आंदोलन किया गया, घंटो रेल चक्का जाम किया गया और घेराव भी किया गया था. इस दौरान सांसद गीता कोड़ा को रेल प्रबंधन के साथ हुई बैठक में रैयतदारों को चिन्हित कर मुआवजा और नौकरी देने के प्रावधान को लेकर कागजी प्रक्रिया पुरी करने का बात कही गई थी तो चक्रधरपुर रेल प्रबंधक और वरीय मंडल कार्मिक पदाधिकारी के द्वारा किस साजिश के तहत इस क्षेत्र बहाल की जा रही है, यह जांच का विषय है क्योंकि स्थानीय लोगों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जबकि सूचना है कि पहले बंगाल से आये लोगों को आद्रा रेल मंडल में योगदान देने के लिए फरमान जारी किया गया था लेकिन आद्रा रेल मंडल इन लैण्ड लूजरों को योगदान नहीं देने दिया गया तब एक साजिश के तहत चक्रधरपुर रेल मंडल में भेजा जा रहा है.

मालूम हो कि 20 दिनों में 363 लोगों नें चुपके से विभिन्न स्टेशनों पर ग्रुप डी में योगदान दे चुका है. चक्रधरपुर रेल मंडल के अंतर्गत पड़ने वाले डॉगवापोसी, बांसपानी, जामदा, डुमिरता, विमलगढ़, करमपदा, मालूका, झीकपानी आदी रेख खण्ड में इस सेक्शन में अभी तक 363 लोगों ने योगदान दिया गया. 20 दिन के अंतराल मेंं वरीय मंडल कार्मिक पदाधिकारी के द्वारा इंजिनियरिंग विभाग में ट्रेकमैन के पद पर नियुक्ति कराई जा रही है. (संतोष वर्मा की रिपोर्ट).

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