Abhi Bharat

चाईबासा : जयंती पर याद किए गए मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा

चाईबासा में मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की जयंती के मौके पर बुधवार को कांग्रेस भवन में कांग्रेसियों उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया. वहीं एक स्वर में कांग्रेसियों ने कहा कि जयपाल सिंह मुंडा आदिवासियों की आवाज थे, आज भी उनके विचार बहुत सामयिक है. जयपाल सिंह मुंडा ने न सिर्फ झारखंड आंदोलन को एक स्थायी रूप दिया, बल्कि संविधान सभा में भी पूरे देश के आदिवासियों का प्रतिनिधित्व करते हुए उनके हक के लिए संविधान में व्यवस्था करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.

जयपाल सिंह मुंडा ने ही यह कहा था कि आदिवासी समाज में ही सबसे अधिक प्रजातांत्रिक व्यवस्था का उदाहरण है, जिसे अन्य लोगों को भी अनुसरण करना चाहिए. इस समाज में चाहें वह अमीर हो या गरीब सबकों समान अधिकार प्राप्त है. जयपाल सिंह मुंडा ने संविधान सभा में यह कहा था कि संविधान में विशेष व्यवस्था के तहत आदिवासियों को ऐसे संरक्षण दिये जाए ताकि वे जंगल से निकलकर विधायिका एवं अन्य जनमंच पर आ सके. उन्होंने अपने ऐतिहासिक भाषण में यह भी कहा था कि आदिवासी ही प्रथम श्रेणी के भारतीय नागरिक है.

मौके पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर दास, प्रदेश सचिव अशरफुल होदा, कांग्रेस जिला महासचिव त्रिशानु राय, विश्वनाथ तामसोय, सचिव जगदीश सुंडी, प्रखंड अध्यक्ष दिकु सावैयां, वरीय कांग्रेसी लियोनार्ड बोदरा, पीटर बारी, राजेन्द्र कच्छप, रितेश तामसोय, बुल्लू दास, सिद्धेश्वर कालुण्डिया, विक्रमादित्य सुंडी, अभिनंदन बारिक, सुशील दास, सचिन बारिक आदि उपस्थित थे. (संतोष वर्मा की रिपोर्ट).

You might also like

Comments are closed.