सहरसा : संपूर्ण टीकाकरण से होती है बच्चों की जानलेवा बीमारियों से बचाव
सहरसा में सोमवार को नियमित टीकाकरण को लेकर जानकारी देते हुए जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ कुमार विवेकानंद ने बताया कि सम्पूर्ण टीकाकरण न होने से शिशु मृत्यु की सम्भावना बढ़ जाती है, इसीलिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जाता है, ताकि बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सके.
उन्होंने कहा कि बच्चों में शारीरिक व मानसिक विकास एवं कुषोषण दूर करने के लिए सम्पूर्ण व नियमित टीकाकरण के साथ ही 6 माह तक सिर्फ स्तनपान और 6 माह के बाद पोषाहार की अधिक आवश्यकता होती है. संपूर्ण टीकाकरण बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाता है. नियमिति टीकाकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत बच्चों में 8 जानलेवा बीमारियों टीबी, डिप्थेरिया, काली खाँसी, टिटनेस, पोलियो, खसरा, हेपेटाइटिस-बी तथा निमोनिया से बचाव के लिए बीसीजी, हेपेटाइटिस-बी, पोलियो, पेण्टावेलेण्ट, मीजल्स तथा डीपीटी के टीके दिये जाते हैं। साथ ही विटामिन ए की खुराक दी जाती है. माँ का पहला दूध ही नवजात शिशु के लिए सबसे पहला टीका माना जाता है.
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, पोलियो, खसरा, रोटा वायरस, चेचक से बचाव , बच्चे के विकास तथा कुपोषण व जानलेवा बीमारियों को रोकने के लिए टीकाकरण असरदायक होता है. साथ ही कहा कि बच्चे को उस की उम्र के अनुसार टीकाकरण जरूरी है। लेकिन कोरोना महामारी के कारण जिन बच्चों को जरूरी टीके नहीं लगे हैं , उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. वह अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल से संपर्क करें. वहां बच्चे के जो भी टीके छूटे हैं उसकी उम्र के अनुसार लगाए जाएंगे. डॉक्टर को इसके बारे में पूरी जानकारी है. कोई भी माता-पिता अब और देर न करें. टीकाकरण में जरूरी संशोधन किए गए हैं. जिससे छूटे हुए बच्चों को प्रतिरक्षित किया जा सके. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए जिले भर में टीकाकरण के प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं. (राजा कुमार की रिपोर्ट).
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