Abhi Bharat

छपरा : जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चलेगा सर्वजन दवा सेवन अभियान

छपरा जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम अभियान चलाया जायेगा. इस अभियान के तहत आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर दवा खिलाएंगी. इसको लेकर अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी फाइलेरिया ने पत्र जारी कर सभी वेक्टर बौर्न डिजिज नियंत्रण पदाधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है.

बता दें कि जारी पत्र में कहा गया है कि फाइलेरिया नियंत्रण के लिए 14 जून से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम अभियान चलाने का निर्णय लिया गया था. लेकिन वैश्विक महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था. अब यह अभियान 20 सितंबर से चलेगा. अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर माइक्रोप्लान बनाने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ मास्टर ट्रेनों की ट्रेनिंग भी कराने का निर्देश दिया गया है. अभियान को लेकर जिला समन्वय समिति की बैठक भी आयोजित की जायेगी.

घर-घर जाकर खिलाई जाएगी दवा :

जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि इस अभियान में ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेटर (आशा एवं वालंटियर) द्वारा घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाई जाएगी. कोरोना संक्रमण को देखते हुए ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेटर लाभार्थी के कटोरे में दवा देगी एवं अपने सामने दवा का सेवन सुनिश्चित कराएगी. एक टीम एक दिन में 40 से 50 घरों का दौरा कर लक्षित समूह को सिर्फ दवा ही वितरण नहीं करेगी बल्कि उन्हें अपने सामने दवा खिलाएंगे. अभियान के दौरान प्रतिदिन छूटे हुए व्यक्तियों को पुर्नभ्रमण कर दवा खिलाई जाएगी. इसके अतिरिक्त 7 वें एवं 14 वें दिन पूर्ण रूप से पुर्नभ्रमण करते हुए छूटे हुए सभी लोगों को दवा खिलाई जाएगी. इसके अलावा जीविका कार्यकर्ता, स्कूली बच्चे एवं पंचायत सदस्यों द्वारा सामुदायिक स्तर पर फाइलेरिया एवं एमडीए के विषय में जागरूकता भी फैलाई जाएगी.

क्या है फाइलेरिया :

गौरतलब है कि फाइलेरिया को हाथीपाव रोग के नाम से भी जाना जाता है. यह एक दर्दनाक रोग है, जिसके कारण शरीर के अंगों में सूजन आ जाती है. यह क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से फैलती है. आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लसिका (लिम्फैटिक) प्रणाली को नुकसान पहुंचाता है. फाइलेरिया से जुड़ी विकलांगता जैसे लिफोइडिमा (पैरों में सूजन) एवं हाइड्रोसील (अंडकोश की थैली में सूजन) के कारण पीड़ित लोगों को इसके कारण आजीविका एवं काम करने की क्षमता प्रभावित होती है.

ऐसे खिलाई जाएगी दवा :

इस अभियान में डीईसी एवं एलबेंडाजोल की गोलियां लोगों की दी जाएगी. 2 से 5 वर्ष की उम्र तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी. एलबेंडाजोल का सेवन चबाकर किया जाना है। खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है.

ये होंगे लक्षित समूह :

डीएमओ ने कहा कि हर व्यक्ति को इन दवाओं का सेवन करना है. केवल गर्भवती महिलाओं, दो साल से कम उम्र के बच्चों एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को यह दवा सेवन नहीं करनी है. दो साल से पांच साल तक के बच्चे भी फाइलेरिया दवाओं का सेवन कर सकते हैं और स्वास्थ्य कर्मी की निगरानी में ही दवा का सेवन करना है. (सेंट्रल डेस्क).

You might also like

Comments are closed.