छपरा : मुन्ना और राजदेव ने तोड़ी सामाजिक मान्यताएं, जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा में जिम्मेदारी निभाते हुए कराई नसबंदी
पुरुष नसबंदी का नाम सुनते ही पुरुषों में तरह-तरह की भ्रंतिया सामने आने लगती है. नसबंदी कराने से शारीरिक कमजोरी तथा मर्दानगी में कमी जैसी कई भ्रांतियां पुरुष नसबंदी में बड़ी बाधक भी साबित हो रही है. लेकिन छपरा जिले में इन भ्रांतियों को दरकिनार करते हुए राजदेव महतो और मोहम्मद मुन्ना ने पुरुष नसबंदी में अपनी सहभागिता सुनिश्चित की है.
बता दें कि छपरा के रिविलगंज प्रखंड के मुकरेरा पंचायत के जलालपुर गांव निवासी मोहम्मद मुन्ना तथा राजदेव महतो ने जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करते हुए गुरुवार को दोनों ने नसबंदी कराई तथा समाज को एक सकारात्मक संदेश देने का प्रयास किया.
रिविलगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सूर्या हॉस्पिटल के डॉ डीएनपी सिन्हा ने दोनों की नसबंदी की. नसबंदी के कुछ ही घंटों बाद दोनों व्यक्तियों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. दोनों व्यक्ति अब पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं. दोनों ने बताया भी नसबंदी के बाद उन्हें किसी भी तरह की कमजोरी नहीं महसूस हो रही है. साथ ही उनका वैवाहिक जीवन में भी कोई अंतर नहीं आया है.
आशा की जागरूकता लाई रंग :
जनसंख्या स्थिरता पखवारा को लेकर पूरे जिले में अभियान चलाया जा रहा है. आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को परिवार नियोजन के बारे में जागरूक कर रही हैं. इसी कड़ी में जलालपुर की आशा मंजू देवी अपने रोज के दिनचर्या की तरह लोगों को जागरूक करने घर-घर जा रही थी. इस दौरान आशा मंजू देवी ने गांव के राजदेव महतो और मोहम्मद मुन्ना को पुरुष नसबंदी के बारे में जानकारी दी और दोनों को इसे अपनाने के लिए प्रेरित किया. आशा की बातों पर अमल करते हुए दोनों पुरुषों ने इस अभियान में अपनी सहभागिता सुनिश्चित की. दोनों को मोबिलाइज करने में जननी सुरक्षा योजना के जिला प्रबंधक अर्जुन कुमार ने आशा को सपोर्ट किया. जिससे दोनों लोगों को पुरुष नसबंदी के लिए तैयार करने में आशा को कामयाबी मिली.
जिले में चल रहा है जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा :
जिले में 11 जुलाई से 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का आयोजन किया गया है। इस दौरान आशा कार्यकर्ता व स्वास्थ्य कर्मी परिवार नियोजन के साधनों को लेकर जागरूकता अभियान भी चला रहे हैं. महिला बंध्याकरण व पुरुष नसबंदी के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है. साथ हीं सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन के साधनों का निःशुल्क वितरण भी किया जा रहा है तथा इच्छुक लाभार्थियों की काउंसलिंग भी की जा रही है.
पुरुष नसबंदी कराने वालों को प्रोत्साहन राशि देने का है प्रावधान :
केयर इंडिया के परिवार नियोजन समन्वयक प्रेमा कुमारी ने बताया कि पुरुष नसबंदी कराने वाले व्यक्तियों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से 3000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है. साथ ही पुरुष नसबंदी के लिए प्रेरित करने वाले उत्प्रेरक को 400 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है. उन्होंने बताया जिन दोनों व्यक्तियों ने अभी नसबंदी करायी है, उन्हें 3000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. साथ ही आशा को दोनों व्यक्तियों को प्रेरित करने के लिए प्रति व्यक्ति 400 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. (सेंट्रल डेस्क).
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