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दिल्ली : हाई कोर्ट ने सीवान के पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन को दिया पैरोल

दिल्ली से बड़ी खबर है, जहां तिहाड़ जेल में बंद सीवान के पूर्व आरजेडी सांसद मो शहाबुद्दीन को मां-पत्नी और परिवार से मिलने की इजाजत मिल गयी है. हत्या के मामले में सजा काट रहे शहाबुद्दीन को दिल्ली हाई कोर्ट ने तीन दिन की कस्टडी पैरोल देने का निर्देश दिया है.

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को शहाबुद्दीन को दिल्ली में अपने परिवार से मिलने के लिए कस्टडी पैरोल मंजूर कर दी है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने शहाबुद्दीन को हिदायत दी है कि वह इस दौरान परिवार के अलावा किसी अन्य से नहीं मिले. जस्टिस अनूप जे भंभानी ने बुधवार को हत्या के मामले में सजा काट रहे शहाबुद्दीन को तीन दिन की कस्टडी पैरोल देने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि तीन दिन के भीतर शहाबुद्दीन को दिल्ली में अपनी पसंद का जगह बताने का निर्देश दिया है जहां पर वह अपने परिवार से मिलना चाहते हैं. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने जेल सुप्रीटेंडेंट से कहा है कि निर्धारित पते का सत्यापन के बाद फैसले के तीस दिन के भीतर जब भी याचिकाकर्ता कहे उन्हें परिवार से मिलने के लिए उस जगह पर ले जाया जाए. वहीं हाई कोर्ट ने सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि जब भी पूर्व सांसद को परिवार से मिलने के लिए ले जाया जाए, उस समय साथ में सुरक्षा के कड़े इंतजाम हो.

गौरतलब है कि शहाबुद्दीन ने सीवान जाने और अपने परिवार से मिलने के लिए कस्टडी पैरोल की मांग की थी. शाहबुद्दीन ने कहा था कि उनके पिता का 19 सितंबर को निधन हो गया और वह अपनी मां के साथ समय बिताना चाहते हैं. उन्होंने कहा था कि उनकी मां अभी बीमार है. जिसपर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा है कि प्रत्येक दिन शहाबुद्दीन को छः घंटे के लिए कस्टडी पैरोल पर परिवार से मिलने के लिए ले जाया जाए. इसमें जेल से उक्त पते पर आने-जाने का समय शामिल नहीं है. यह समय सुबह छः बजे से शाम चार बजे के बीच का है. उच्च न्यायालय ने यह भी कहा है कि जिस पते पर उन्हें ले जाया जाए, वह दिल्ली से बाहर का नहीं हो. (सेंट्रल डेस्क).

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