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दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे रघुवंश प्रसाद सिंह का कोरोना के दोबारा अटैक से निधन

दिल्ली से बड़ी खबर है, जहां बिहार की राजनीति के कद्दावर नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री व राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे रघुवंश प्रसाद सिंह का आज लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. 74 वर्षीय रघुवंश सिंह को कोरोना के दोबारा अटैक के बाद दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां रविवार को उन्होंने अंतिम सांस ली.

बता दें कि पिछले दिनों वे कोरोना संक्रमित हो गए थे. लेकिन इलाज के बाद उनकी रिपोर्ट कोरोना निगेटिव आयी थी. इसी बीच उन्हें कोरोना का दोबारा अटैक हुआ और फेफड़े में इंफेक्शन के बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती किया गया था, जहां वे वेंटिलेटर पर थे. उनके आकस्मिक निधन से बिहार के राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर दौड़ गयी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर राहुल गांधी तक ने ट्वीट कर उनके निधन पर शोक जाहिर किया है.

गौरतलब है कि 1977 से राजनीति में सक्रिय रघुवंश प्रसाद सिंह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बेहद करीबी थे और राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष पर आसीन थे, लेकिन पिछले दिनों अपने विरोधी रहे रामा सिंह के राजद में शामिल किए जाने और लालू प्रसाद के बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव द्वारा की गई अनर्गल बयानबाजी से आहत होकर उन्होंने राजद से अपना सम्बंध तोड़ते हुए आईसीयू से ही अपना त्यागपत्र जारी कर दिया था. रघुवंश सिंह के पार्टी छोड़ने के बाद से लालू यादव ने तेजप्रताप को रांची बुलाकर फटकार भी लगाई थी और रांची जेल से ही उनको पत्र लिख पार्टी में बने रहने के साथ उनके स्वास्थ्य सुधार की कामना की थी. रघुवंश प्रसाद सिंह का लालू प्रसाद यादव के साथ संबंध कर्पूरी ठाकुर के दौर से ही था. कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद उन्होंने ही लालू को आगे बढ़ाने में मदद की थी. उन्होंने 1988 में लालू प्रसाद के नेता प्रतिपक्ष बनने में भी साथ दिया था और 1997 में लालू ने जब जनता दल से अलग हटकर राष्ट्रीय जनता दल बनाया, तब रघुवंश उसके संस्थापक सदस्यों में से थे. लालू प्रसाद ने राजद का संविधान भी उनकी सहमति से ही बनाया था. (सेंट्रल डेस्क).

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