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आशुतोष राणा ने फेसबुक पर पोस्ट कर सुशांत सिंह राजपूत को दी श्रद्धांजलि

फ़िल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या किये जाने के बाद जहां सोशल मीडिया में बॉलीवुड के कुछ नामचीन हस्तियों पर आरोप-प्रत्यारोप जारी हो गया है. लोग सुशांत की मौत के लिए सलमान खान से लेकर करण जौहर और आदित्य चोपड़ा समेत कई फ़िल्म अभिनेताओं, प्रोड्यूसर और निर्देशकों को जिम्मेवार बता रहे हैं. इन सब के बीच बॉलीवुड के चर्चित चरित्र और कुशल अभिनेता आशुतोष राणा ने सुशांत सिंह राजपूत की असामयिक निधन पर शोक व्यक्त किया है.

आशुतोष राणा ने बिहार के लाल दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत के निधन पर अपने वेरिफाइड फेसबुक एकाउंट पर शोक व्यक्त करते हुए लंबा पोस्ट डाला है, जिसमे उन्होंने सुशांत सिंह के व्यक्तित्व और अदाकारी की जमकर तारीफे भी की हैं और सुशांत के साथ ली गयी अपनी एक तस्वीर भी लगाई है. आशुतोष राणा ने सुशांत के निधन से खुद को मर्माहत बताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है. आशुतोष राणा ने अपने पोस्ट में क्या लिखा है, उसे आप भी पढ़िए-

“कुछ घटनाएँ हमें स्तब्ध कर देतीं हैं, जिनकी वास्तविकता को स्वीकार करना हमारे लिए बहुत कठिन हो जाता है, प्रिय सुशांत सिंह राजपूत का इस तरह यकायक चले जाना मेरे लिए उन्हीं हृदय विदारक घटनाओं में से है। सुशांत का शांत होना अशांत करने के साथ ही कई सारे प्रश्नों को खड़ा गया।

एक ऐसा व्यक्तित्व जिसके अंदर अपार ऊर्जा, उत्साह, उमंग थी, जिसे परमात्मा ने मात्र स्वप्न देखने की ही नहीं उन्हें पूरा करने की शक्ति और क्षमता भी प्रदान की थी, जो अनंत तक पसरी हुई आकाशगंगा के रहस्य को जानने की मात्र जिज्ञासा ही नहीं रखता था अपितु पूरे मनोयोग से उसे जानने का उद्यम भी करता था ! फिर ऐसा कैसे हो सकता है कि वह सुशांत स्वयं के अंदर के ब्रह्माण्ड से सम्पर्क ना साध पाया ? राह में चलते हुए किसी अपरिचित से जो सुशांत सहज ही मित्रता कर लिया करता था, ऐसा कैसे हो सकता है कि वह सुशांत स्वयं से मित्रता ना कर पाया ? अक्सर जिनके पास अद्भुत प्रतिभा होती है उनके पास अनुकूल भाग्य नहीं होता और जिनके पास भाग्य होता है उनके पास प्रतिभा नहीं होती, किंतु प्रिय सुशांत तो प्रतिभा और भाग्य का सुंदर योग थे, तब ऐसा क्या हुआ कि रूप, गुण, प्रतिभा, भाग्य से सम्पन्न इस विलक्षण व्यक्तित्व का मन ईश्वर की बनाई हुई सृष्टि से इतनी जल्दी ऊब गया ?

ऐसे कई सारे प्रश्नों के उत्तर हम अपनी-अपनी बुद्धि के अनुसार सटीक देने का प्रयास कर सकते हैं, किंतु यह सत्य है कि इनमें से कोई भी उत्तर वास्तविक उत्तर नहीं हो सकता क्योंकि प्रत्येक मनुष्य के जीवन का प्रश्नपत्र दूसरे मनुष्य से सर्वथा भिन्न होता है इसलिए उनके उत्तर भी एक जैसे नहीं होते। कुछ प्रश्नों की नियति होती है कि वे सदैव प्रश्नों के रूप में ही वर्तमान रहते हैं।

पिछले दो दिनों से मैं सन्न हूँ मुझे समझ ही नहीं आ रहा कि इस चमकते हुए सितारे के इस तरह टूटकर गिरने पर मैं क्या कहूँ ? जितना सत्य यह है कि हम अकेले दुनिया में आते हैं, अकेले ही दुनिया से जाते हैं उतना ही सत्य ये भी हैं कि हम अकेले दुनिया में रह नहीं पाते.. प्रिय सुशांत, सितारों की जगमगाती दुनिया में तुम सम्भवतः धूमकेतु थे जो धूमधाम से आए, खूब जगमगाए और अचानक विलुप्त हो गए। लेकिन संसार में आने के बाद और संसार से जाने के पहले आप संसार में रहते हुए अपनी कला के माध्यम से कुछ ऐसी अनोखी प्रस्तुतियाँ दे गए हैं, जिस कारण आप इस जगत में सदैव वर्तमान रहेंगे। भावभीनी श्रद्धांजलि~#आशुतोष_राना ????”

आशुतोष राणा के फेसबुक पोस्ट का लिंक :

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=3299940580050741&id=100001044953288

(सेंट्रल डेस्क).

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