सीवान : राष्ट्र सृजन अभियान द्वारा मनाई गई स्वामी सहजानन्द सरस्वती की जयंती
सीवान में जीरादेई प्रखण्ड क्षेत्र के तितरा गांव में गुरुवार को राष्ट्रसृजन अभियान के कार्यालय में अभियान के राष्ट्रीय सचिव ललितेश्वर कुमार की अध्यक्षता में स्वामी सहजानन्द सरस्वती की जयंती मनाई गई.
इस अवसर पर सर्वप्रथम स्वामी जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किया गया. वहीं राष्ट्रीय सचिव ललितेश्वर कुमार ने कहा कि स्वामी सहजानन्द समता मूलक समाज के पक्षधर थे तथा स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेता थे. उन्होंने कहा कि उनकी त्याग, तपस्या, ओजस्वी वक्तव्य, समाज के प्रति दायित्व, राष्ट्रीय प्रेम और अस्पृश्यता जैसे सामाजिक बुराई की लड़ाई, तुष्टिकरण का विरोध एवं किसानों के समस्या के लिए संघर्ष आज भी प्रेरणा का स्रोत व प्रासंगिक है. उन्होंने कहा कि स्वामी जी का विचार, चिंतन व दर्शन युगों -युगों तक सम्पूर्ण राष्ट्र का मार्गदर्शन करते रहेंगें.
राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि स्वामी जी का जन्म उत्तरप्रदेश में हुआ पर इन्होंने बिहार को अपना कर्म क्षेत्र बनाया. उन्होंने बताया कि बक्सर के सिमरी और गाजीपुर के विश्वम्भर पुर गांव में रहकर उन्होंने आजादी की लौ को गांवों व किसानों तक पहुंचाया. फिर पटना से सटे बिहटा के पास सीताराम आश्रम स्थापित कर असहयोग आंदोलन से लेकर भारत छोड़ो आंदोलन तक में भाग लिया तथा जेल की यातनाएं भी सही. सचिव ने बताया कि बिहार में 1934 के भूकम्प से तबाह किसानों को मालगुजारी में राहत दिलाने की बात को लेकर गांधी जी से उनकी अनबन हो गयी तथा कांग्रेस से विलग हो गए एवम अपने जीवन का लक्ष्य किसान आंदोलन को बनाया. ललितेश्वर ने कहा कि स्वामी जी का नारा था “जो अन्न-वस्त्र उपजायेगा, अब जो कानून बनाएगा, यह भारत वर्ष उसी का है, अब शासन भी वही चलायेगा”.
मौके पर अभियान के जिलाध्यक्ष अशोक कुमार राय, बिहार मीडिया प्रभारी आशीष मिश्र, चितरंजन कुमार, डॉ प्रेम कुमार, डा प्रिंस कुमार, प्रमोद राय, सानू राय, मनोज कुमार, जिला महामंत्री जय प्रकाश तिवारी, उप मुखिया विकास राय बडे़ एवं जयप्रकाश पटवा आदि ने भी अपना विचार व्यक्त किया. (हितेश वर्मा की रिपोर्ट).
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