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सीवान : रामा डेंटल कॉलेज एंड रिसर्च संस्थान के अस्सिटेंट प्रोफेसर राहुल कात्यायन ने बताया कोरोना संक्रमण और उससे बचने के उपाय

सीवान के जीरादेई प्रखण्ड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सक डॉ केके मिश्रा के पुत्र और रामा डेंटल कॉलेज अस्पताल एंड रिसर्च संस्थान, कानपुर में अस्सिटेंट प्रोफेसर के रुप मे पदस्थापित डॉ राहुल कात्यायन ने सोमवार को कोरोना महामारी से बचने के उपाय पर अपने शोध-पत्र को प्रसारित किया.

इस अवसर पर डॉ राहुल ने बताया कि नोवल कोरोना वायरस को आने से दुनिया में पैंडेमिक घोषित कर दिया गया है. इसकी समस्या डेंटल हेल्थकेयर अस्पतालों में आने लगी है. उन्होंने बताया कि छोटे बच्चे कोरोना संक्रमित होने के बाद बिना किसी लक्षण के कोरोना वायरस को फैला रहे है जो विश्व स्वाथ्य संगठन के शोध में सामने आया है. उन्होंने बताया कि मेरे शोध के अनुसार यह संक्रमण सांस की ड्रापलेट्स या थूंक की वजह से फैल रहा है. इस वजह से बच्चें व बच्चें के मुंह, दांत के स्पेशलिस्ट (पेडियोट्रिक डेंटिस्ट) अधिक जोखिम में है.

उन्होंने बताया कि दांत-मुंह और कोरोना वायरस के रिलेशनशिप के ऊपर कई राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय सेमिनारों में भाग लेने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि दांत-मुंह के इलाज के दौरान निकलने वाला एसोसौल सांस व थूंक से अधिक खतरनाक है, जो दूसरे बच्चों व डेंटिस्ट को कोरोना संक्रमित कर सकता है, पर इससे भयभीत होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि N-95 मास्क व हेपोफिल्टर के विश्वस्तरीय व्यवहार से बचा जा सकता है तथा दांत-मुंह का इलाज सुचारू रूप से किया जा सकता है. उन्होंने मुंह और दांतों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने का सुझाव दिया. (कृष्ण कुमार सिंह की रिपोर्ट).

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